Donald Trump India: अमेरिकी चुनाव में बड़ी जीत दर्ज करने के बाद डोनाल्ड ट्रंप जल्द ही राष्ट्रपति पद की शपथ लेने वाले हैं। लेकिन अगले साल जनवरी में होने वाले उस शपथ ग्रहण समारोह से पहले ट्रंप हर देश को तेवर दिखाने का काम कर रहे हैं। इसी कड़ी में उन्होंने ब्रिक्स देशों को भी धमकी दी है, जोर देकर बोला है कि अगर व्यापार में डॉलर को हटाने की कोशिश हुई तो उन सभी देशों पर 100% टैरिफ लगा दिया जाएगा।

अमेरिका को कैसे भारी पड़ेगा ट्रंप का फैसला?

अब डोनाल्ड ट्रंप का यह ऐलान भारत को परेशान जरूर कर रहा है, इससे पहले भी क्योंकि ऐसी तल्खी दिख चुकी है, इस वजह से भी ज्यादा चर्चा है। लेकिन ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव मानता है कि इस कदम से भारत से ज्यादा अमेरिका को ही नुकसान पहुंच सकता है। असल में GTRI ने तर्क दिया है कि अगर अमेरिका इतना ज्यादा टैरिफ लगाएगा, उस स्थिति में अमेरीकी ग्राहकों के लिए ही इंपोर्ट्स के दाम बहुत ज्यादा बढ़ जाएंगे, इसके ऊपर ग्लोबल ट्रेड पूरी तरह बिखर जाएगा और एक कदम की वजह से दूसरी तरफ से व्यापारिक पलटवार भी होंगे, यानी कि ट्रेड वॉर जैसी स्थिति।

ट्रंप की सोच आखिर गलत क्यों है?

द मिंट से बात करते हुए जीटीआरआई के फाउंडर अजय श्रीवास्तर का कहना है कि ट्रंप जो 100 फीसदी टैरिफ लगाने की बात कर रहे हैं, इसे सिर्फ सांकेतिक ही माना जाए, इसे वास्तविकता के करीब नहीं माना जा सकता। भारत को तो अपनी लोकल करेंसी पर फोकस करना चाहिए। GTRI ने इस बात पर भी जोर दिया कि अमेरिका का डॉलर ही सिर्फ मार्केट में सबसे बड़ी करेंसी नहीं है, बात चाहरे जापानी येन की हो या फिर यूरो की, बात चाहे पाउंड की हो या फिर किसी दूसरी करेंसी की, सभी ग्लोबल कॉमर्स के लिए जरूरी हैं।

ट्रंप ने क्या धमकी दी थी?

जानकारी के लिए बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिक्स देशों को धमकी देते हुए कहा था कि अगर अमेरिकी डॉलर को रिप्लेस करने के लिए कोई नई करेंसी लांच की गई, तो वह इन देशों पर 100 फीसदी टैरिफ लगा देंगे। डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को भी चेताया है। दरअसल ब्रिक्स देशों में भारत भी शामिल है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी डॉलर को कमजोर करने की कोई भी साजिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी। ट्रंप की रणनीति समझने के लिए यहां क्लिक करें