अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को बांग्लादेश के मामलों में अमेरिका की किसी भी भूमिका से इनकार किया। इस मुद्दे पर मोदी और ट्रंप की द्विपक्षीय बैठक के दौरान चर्चा हुई, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पड़ोसी देश के घटनाक्रम के बारे में अपनी चिंताओं से उन्हें अवगत कराया।

बांग्लादेश के मामलों में अमेरिकी डीप स्टेट की भूमिका पर सवालों का जवाब देते हुए ट्रंप ने ओवल ऑफिस में अपनी द्विपक्षीय बैठक की शुरुआत में कहा, “खैर, हमारे डीप स्टेट की कोई भूमिका नहीं थी। यह कुछ ऐसा है जिस पर प्रधानमंत्री लंबे समय से काम कर रहे हैं और सैकड़ों सालों से इस पर काम कर रहे हैं। सच कहूं तो, मैं इसके बारे में पढ़ रहा हूं लेकिन मैं बांग्लादेश को प्रधानमंत्री पर छोड़ता हूं।”

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बाद में, सवालों के जवाब देते हुए विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, “बांग्लादेश पर दिए गए बयान के बारे में हम क्या सोचते हैं। यह एक ऐसा विषय था जिस पर दोनों नेताओं के बीच चर्चा हुई। प्रधानमंत्री ने बांग्लादेश में हाल के घटनाक्रमों और भारत द्वारा स्थिति को देखने के संबंध में अपने विचार और वास्तव में अपनी चिंताएं साझा कीं।”

विक्रम मिस्री ने कहा, “मुझे लगता है कि हम उम्मीद करते हैं कि बांग्लादेश में भी स्थिति ऐसी दिशा में आगे बढ़ेगी जहां हम उनके साथ रचनात्मक और स्थिर तरीके से संबंध बना सकेंगे। लेकिन उस स्थिति को लेकर चिंताएं हैं और प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति ट्रंप के साथ अपने विचार साझा किए।”

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भारत-बांग्लादेश के बीच बढ़ा तनाव

पिछले साल अगस्त में शेख हसीना सरकार के पतन के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ रहा है। मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की है, जिस पर भारत ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। इससे पहले वहां हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमले के बाद भारत में चिंताएं बढ़ गयी थी। विदेश सचिव मिस्री ने पिछले साल दिसंबर में ढाका की यात्रा की थी और बांग्लादेश में हिंदुओं सहित अल्पसंख्यकों की स्थिति और सुरक्षा के बारे में भारत की चिंताओं से उन्हें अवगत कराया था।

शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग कर रहा बांग्लादेश

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसे उम्मीद है कि भारत उनकी प्रतिद्वंद्वी शेख हसीना को वापस उनके देश भेजेगा, ताकि उन पर मुकदमा चलाया जा सके। बीएनपी का यह बयान संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में किए गए उस दावे के एक दिन बाद आया है, जिसमें कहा गया है कि पिछले साल प्रदर्शनकारियों पर सुनियोजित तरीके से हमलों और हत्याओं के जरिये सत्ता में बने रहने की कोशिश की गई थी।

बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो भारत को पिछले साल शेख हसीना के प्रत्यर्पण के लिए किए गए गए अनुरोध का एक अनुस्मारक भेजा जाएगा। हसीना की अवामी लीग पार्टी के लगभग 16 साल लंबे शासन का पांच अगस्त 2024 को छात्रों के आंदोलन के बाद पतन हो गया था, जिसके चलते वह बांग्लादेश छोड़ भारत चली गई थीं। पढ़ें- देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों के लेटेस्ट अपडेट्स