उत्तरी इंग्लैंड में राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) के एक अस्पताल में महिला कर्मचारियों का यौन उत्पीड़न करने के लिए अपने पद का दुरुपयोग करने के दोषी भारतीय मूल के एक हृदय शल्य (सर्जन) चिकित्सक को छह साल की जेल की सजा सुनाई गई है।
डॉ. अमल कृष्ण बोस (55) को 2017 से 2022 के बीच लंकाशायर के ब्लैकपूल विक्टोरिया अस्पताल में पांच महिला कर्मचारियों को अनुचित तरीके से छूने और यौन टिप्पणियां करने सहित यौन उत्पीड़न के 12 मामलों में दोषी ठहराया गया था।
लंकाशायर के ‘कॉन्स्टेबुलरी’ ने बताया कि जून में दर्ज एक मुकदमे में जूरी द्वारा दोषी पाए जाने के बाद सोमवार को ‘प्रेस्टन क्राउन कोर्ट’ में बोस को सजा सुनाई गई। बोस ने आरोपों से इनकार करते हुए दावा किया था कि उन्होंने सिर्फ़ ‘फ्लर्टिंग’ और ‘कार्यस्थल पर मजाक’ किया था।
लंकाशायर पुलिस की डिटेक्टिव चीफ इंस्पेक्टर क्रिस्टी व्याट ने कहा, “हर किसी को काम पर जाने में सक्षम होना चाहिए, लेकिन बोस ने इन महिला कर्मचारियों का यौन उत्पीड़न करने के लिए अपने पद का दुरुपयोग करके इस भावना को कमजोर कर दिया है और ऐसा करके उन्हें भारी नुकसान पहुंचाया है।”
अस्पताल में टॉक्सिक माहौल बनाया
‘क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस’ (सीपीएस) नॉर्थ वेस्ट की ‘दुष्कर्म और गंभीर यौन अपराध’ इकाई के ‘सीनियर क्राउन प्रॉसिक्यूटर’ साचा कोयने ने कहा, “अमल बोस अस्पताल में एक विश्वसनीय पद पर थे। उन्होंने अस्पताल में विषाक्त वातावरण बनाकर, यौन टिप्पणियां करके और अस्पताल में काम करने वाली पांच महिलाओं पर यौन हमला करके अपने पद का दुरुपयोग किया।”
इस हफ़्ते सज़ा को लेकर हुई सुनवाई के दौरान अदालत में महिलाओं के बयान हुए। शिकायतें सामने आने से पहले बोस ‘ब्लैकपूल विक्टोरिया’ अस्पताल में हृदय शल्य चिकित्सा विभाग के प्रमुख थे और मामला सामने आने के बाद अस्पताल का प्रबंधन करने वाले एनएचएस ट्रस्ट ने उन्हें निलंबित कर दिया था। एनएचएस ने मार्च 2023 में आरोपों के संबंध में पुलिस से संपर्क किया था और दो माह बाद मई में आरोप दायर किए गए।
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