COP27: प्राकृतिक हादसों से होने वाले नुकसान में कमी लाने के लिए विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) ने दुनियाभर में प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली स्थापित करने के लिए 5 साल के कार्यक्रम की शुरुआत की है। पिछले साल की जलवायु बैठक में भारत समर्थित आपदा रेजिलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर (सीडीआरआई) के गठबंधन की पहल को आगे बढ़ाते हुए इस महत्वकांक्षी कार्यक्रम की शुरुआत की गई है।

दुनियाभर के 100 से ज्यादा नेता जलवायु समस्या पर मिस्त्र में चल रही “COP27 संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन” में शामिल हुए हैं। इस सम्मेलन का मकसद विश्व में जलवायु के खराब होते स्तर को नीचे लाना है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतेरेस द्वारा शुरू किए गए कार्यक्रम में अब से 2027 के बीच 3.1 बिलियन डॉलर के निवेश की परिकल्पना की गई है ताकि बुनियादी ढांचा तैयार किया जा सके और प्रारंभिक चेतावनी प्रणालियों में क्षमता का निर्माण किया जा सके। डब्लूएमओ ने कहा कि दुनिया के लगभग आधे देशों में कोई प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली नहीं है।

डब्लूएमओ के महासचिव पेटेरी तालस ने कहा कि प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली जीवन बचाती हैं और व्यापक आर्थिक लाभ प्रदान करती हैं। उन्होंने कहा कि अगर किसी खतरनाक घटना की जानकारी 24 घंटे पहले मिल जाए तो, उससे होने वाले नुकसान को 30 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है। WMO के एक बयान में कहा गया कि अनुकूलन पर वैश्विक आयोग ने पाया कि प्रारंभिक चेतावनी प्रणालियों पर लगभग 800 मिलियन डॉलर खर्च करने से हर साल 3-16 बिलियन डॉलर तक के नुकसान से बचा जा सकता है।

सीडीआरआई तीन साल पहले भारत के समर्थन से गठित एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है, जो पिछले साल इसी तरह की योजना लेकर आया था। यह योजना मुख्य रूप से छोटे द्वीप राज्यों पर केंद्रित थी। भारत के पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने WMO कार्यक्रम के शुभारंभ पर कहा कि नई दिल्ली ने भी इस पहल का पूरा समर्थन किया है। यादव ने एक मजबूत प्रारंभिक चेतावनी बुनियादी ढांचे के निर्माण में भारत की सफलता को याद किया, जिसने सैकड़ों लोगों की जान बचाई और बड़े पैमाने पर विनाश से बचा।

यादव ने कहा, “पिछले सालों में हमने प्रारंभिक चेतावनी को प्रभाव-आधारित बनाने के साथ-साथ लोगों के लिए आसानी से समझने और काम करने योग्य बनाने की दिशा में ठोस प्रयास किए हैं…। उदाहरण के तौर पर, न केवल भारत में, बल्कि बंगाल की खाड़ी और अरब सागर क्षेत्र के सभी देशों में पिछले 10 सालों में आए चक्रवातों के कारण होने वाली मौतों की संख्या की संख्या में काफी कमी आई है।” गुटेरेस ने इस दौरान सितंबर में पाकिस्तान में आई विनाशकारी बाढ़ से हुए नुकसान के लिए देश को और अधिक अंतरराष्ट्रीय मदद का आह्वान किया।