चीन ने सोमवार (19 दिसंबर) को अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के इस आरोप का खंडन किया कि उसने अमेरिकी ड्रोन चुरा लिया। उसका कहना है कि विवादास्पद दक्षिण चीन सागर में नौवहन की स्वतंत्रता यानी सुरक्षित नौवहन को नुकसान पहुंचने से रोकने के लिए ड्रोन को पकड़ लिया गया था। वह यह भी दावा करता है कि इस क्षेत्र में अमेरिका चीनी तट पर जासूसी कर रहा है। चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने मीडिया ब्रीफिंग में ट्रंप के आरोप पर पलटवार करते हुए कहा, ‘सर्वप्रथम, हमें चोरी जैसा शब्द पसंद ही नहीं आया। यह सही भी नहीं है।’ ट्रंप ने ट्वीट किया था कि चीन ने अंतरराष्ट्रीय समुद्री क्षेत्र में अमेरिका की नौसेना के अनुसंधान ड्रोन को चुराया और उसे अपने यहां ले गया जो एक अप्रत्याशित कदम है। उनके दावे से कुछ घंटे पहले चीन सरकार ने कहा था कि वह इस घटना के संबंध में अमेरिका की सेना के संपर्क में है।
हुआ ने कहा कि दोनों सेनाएं इस मुद्दे को सुचारू ढंग से देख रही हैं। उन्होंने अमेरिका के इस आरोप का भी खंडन किया कि चीनी नौसेना के जहाज ने अमेरिकी सर्वेक्षण जहाज यूएसएनएस बोवडिच से संदेश मिलने के बाद भी इस ड्रोन को पकड़ लिया और वह उसे ले गया। यह ड्रोन यूएसएनएस बोवडिच के नियंत्रण में ही उड़ान पर था। हुआ ने कहा, ‘वाकई क्या हुआ, उसके बारे में आप रक्षा मंत्रालय के बयान से देख सकते हैं कि चीनी नौसेना को यह अज्ञात उपकरण नजर आया और उसने उसका सत्यापन करने के लिए बिल्कुल पेशेवर तरीके से परीक्षण किया।’ हुआ ने कहा, ‘इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे इस अज्ञात उपकरण को कैसे देखते हैं, सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि चीनी नौसेना ने नौवहन की स्वतंत्रता यानी सुरक्षित नौवहन को नुकसान पहुंचने से रोकने के लिए ऐसा करने का यह फैसला किया।’
उन्होंने कहा, ‘मैं समझती हूं कि यह समझना आसान है। थोड़ी देर के लिए मान लीजिए कि आपको सड़क पर कुछ मिलता है तो आप सबसे पहले उसे चेक करते हैं और किसी को लौटाने से पहले उसका सत्यापन करते हैं। इसलिए मैं मानती हूं कि यह समझना बड़ा आसान है।’ जब उनसे पूछा गया कि क्या चीन को मालूम नहीं था कि यह अमेरिका का है, उन्होंने तपाक से कहा, ‘आपका कहना क्या है? क्या आप सोचते हैं कि यह अमेरिका की जेब से गिरा।’ हुआ ने कहा, ‘मैं जो बातें आपको बता सकती हूं वह यह है कि दोनों पक्ष सुचारू सैन्य चैनलों के जरिए इस मुद्दे से उपयुक्त ढंग से निबटने में लगे हैं।’ हालांकि उन्होंने कहा कि यह ड्रोन कब अमेरिका को सौंपा जाएगा जैसे विशिष्ट बातों के संदर्भ में कहने के लिए उनके पास कुछ नहीं है। चीनी नौसेना जहाज ने कहां से इस ड्रोन को पकड़ा, इसपर बस रक्षा मंत्रालय ही कोई सफाई दे पाएगा।
अमेरिका की सेना ने कहा था कि दक्षिण चीन सागर की नौ डेस लाइन के बाहर से ड्रोन को ले जाया गया। यह लाइन चीनी के मानचित्र में उस क्षेत्र में चीन के दावे का संकेत करता है जिस पर फिलीपिन, मलेशिया, वियतनाम, ब्रूनेई और ताईवान भी अपना दावा करता है। हुआ ने चीन पर ट्रंप के दूसरे ट्वीट समेत उनके ट्वीटों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। ट्रंप ने दूसरे ट्वीट में कहा था, ‘हमें चीन से कहना चाहिए कि उसने जो ड्रोन चुरा लिया, हमें वह नहीं चाहिए, वह उसे अपने पास रखे।’