दुनिया में एक बार फिर से कोरोना वायरस पैर पसारने लगा है। कोरोना के कारण फिर से लॉकडाउन का खतरा दुनिया में बढ़ गया है। हम ऐसा इसीलिए कह रहे हैं कि चीन में दोबारा कोरोना का कहर देखने को मिल रहा है। हालात यह कि 1 मार्च के बाद से अब तक चीन की आर्थिक राजधानी शंघाई में ही 25 हजार से ज्यादा कोरोना के मामले आ चुके हैं। बढ़ते मामलों को देखते हुए चीनी सरकार ने दो फेस में पूरे शहर में लॉकडाउन लगाने का फिसला किया है। बीते सोमवार (28 मार्च 2022) को शहर के पूर्वी हिस्से जिसमे करीब 1.1 करोड़ लोग रहते हैं लॉकडाउन लगा दिया गया है। वहीं, शहर के पश्चिमी हिस्से जिसमे करीब 1.4  करोड़ लोग रहते हैं शुक्रवार से लॉकडाउन लगाने का फैसला किया है।

दफ्तरों में ही सोने को मजबूर कर्मचारी: लॉकडाउन के बाद बड़ी संख्या में चीनी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को ऑफिस में ही सोने का आदेश जारी किया है, जिससें कंपनी के कर्मचारी बहार के किसी व्यक्ति के संपर्क में न आयें। कंपनियां इसके बदले कर्मचारियों को मोटा भुगतान करने को भी तैयार है।

सीएनएन बिजनेस की खबर के मुताबिक चीनी कंपनियां  ट्रेडर्स और फंड मैनेजरों को 78 से 314 डॉलर प्रति रात देने का फैसला किया है। बता दें, कुछ दिनों पहले चीन के सरकारी मीडिया चाइना डॉट सीएन के जरिए एक विडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया गया था जिसमें करीब 75 कर्मचारी ऑफिस में सोते हुए नजर आ रहे थें।

चीन में क्यों बढ़े संक्रमण के केस?: दुनिया के ज्यादातर देशों में बड़ी संख्या में कोरोना वायरस के मामले सामने आ चुके हैं जबकि वर्ल्ड डाटा के अनुसार चीन में मात्र 1.5 लाख कोरोना के मामले आए हैं। ऐसे में चीन की एक बड़ी आबादी कोरोना वायरस के संपर्क में नहीं आई है जिसके कारण वहां तेजी से वायरस फैलने का खतरा है।

क्या भारत को चिंता करनी चाहिए?: भारत में कोरोना वायरस के तीसरी लहर के बाद बड़ी संख्या में कोरोना वायरस के मामलों में कमी आई है। बीते बुधवार को देश में 1233 के कोरोना के मामले सामने आए थें और लागातार नए मामलों में कमी देखी जा रही है। भारत में ओमिक्रॉन वेरिएंट से करीब 30 से 40 फीसदी लोग प्रभावित हुए थें। ऐसे में दोबारा से इसी वेरिएंट से बड़े स्तर पर कोरोना फैलना अब मुश्किल है। कोरोना के शुरू होने से अब तक भारत में करीब 4 करोड़ और अमेरिका में 8 करोड़ कोरोना वायरस के मामले सामने आ चुके हैं।