चीन ने एक बच्चे की पॉलिसी खत्म करने की ओर कदम उठाया है। अब चीनी दंपती दो बच्चे पैदा कर सकेंगे। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की नीति निर्धारक इकाई ने इस सप्ताह बैठक में एक बच्चे की पॉलिसी खत्म करने का निर्णय लिया। यह बैठक पांच साल में चीन के सामाजिक व आर्थिक विकास का खाका तैयार करने और उस पर अमल की रणनीति बनाने के लिए हुई थी। इसके फैसले पर सरकार के मुहर लगाने की देर है। बताया जा रहा है कि इस साल के अंत तक एक से ज्यादा बच्चा पैदा नहीं करने की करीब तीन दशक पुरानी नीति वापस ले ली जाएगी।
कानून से पैदा हुई कई समस्याएं: सबसे ज्यादा आबादी वाले चीन में एक बच्चे का कानून 1979 में लागू किया था। इसे बढ़ती आबादी पर लगाम लगाने के मकसद से लागू किया गया था। पर इसके कई बुरे नतीजे सामने आए। जबरन गर्भपात, उम्रदराज लोगों की बढ़ती आबादी, काम करने वाले लोगों की कमी और सेक्स रेश्यो में असंतुलन जैसी समस्याओं से चीन हलकान हो गया। यूएन के ताजा आंकड़ों के मुताबिक साल 2050 तक चीन में 44 करोड़ लोग 60 साल से ज्यादा उम्र के होंगे। चीन में कामकाजी लोगों की आबादी 37 लाख ही रह गई है। चीन में लड़कियों की तुलना में लड़कों की आबादी 3.3 करोड़ ज्यादा है। पारंपरिक रूप से चीनी समाज में लड़के को ज्यादा अहमियत दी जाती है। गर्भ में लड़की होने पर कई कपल्स अबॉर्शन करा लेते हैं। प्रत्येक 100 लड़कियों के मुकाबले 117 लड़के जन्म ले रहे हैं। हालत यह है कि 2020 तक शादी के लायक हो चुके कुंआरों की संख्या 3 करोड़ हो जाएगी।
अर्थशास्त्री ने सुझाया अजीब समाधान: चीन में कुआरों की बढ़ती संख्या से निपटने के लिए इकोनॉमिस्ट प्रोफेसर शी जुओशी ने अजीब सुझाव दिया है। एक ब्लॉग में उन्होंने लिखा कि दो पुरुषों का एक महिला से शादी कानूनी करार देना चाहिए। दूर-दराज के इलाकों और कई गांवों में लोग ऐसा कर रहे हैं। कई भाई एक ही महिला से शादी कर रहे हैं और वे ऐसा करने के बाद भी अच्छी जिंदगी जी रहे हैं। उन्होंने लिखा, ”देश में गुआनगुन (कुंआरों) की संख्या बढ़ रही है। महिलाओं की कमी के कारण उनकी कीमत बढ़ रही है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मार्केट में एडजस्ट नहीं किया जा सकता। यह दरअसल आय की समस्या से जुड़ा हुआ मामला है। जो धनी हैं या जिनकी इनकम ज्यादा है, उनकी शादी आराम से हो जा रही है। लेकिन कम कमाने वाले लोगों का क्या होगा? ऐसे में, एक ही रास्ता है कि एक ही पत्नी के साथ कई पुरुष अपनी जिंदगी बिताएं।”
झेजिंग यूनिवर्सिटी ऑफ फाइनेंस एंड इकोनॉमी में प्रोफेसर जुओशी ने अपने ब्लॉग में लिखा कि अमीर शख्स महिलाओं से शादी कर लेते हैं, क्योंकि उनके पास पैसे हैं, लेकिन गरीब ऐसा नहीं कर पा रहा है। यह ऐसा है ही है जैसे किसी सामान की कमी के चलते उसका दाम बढ़ता है। यह चीन के समाज की हकीकत भी है कि वहां ज्यादातर पुरुष, खासकर गरीब शादी नहीं कर पा रहे हैं। परिवार का साथ नहीं होने के कारण लोगों को बुढ़ापे में भी दिक्कत हो रही है।
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