चीन ने गुरुवार को दशकों पुरानी एक बच्चे की अपनी विवादास्पद नीति को निरस्त कर दिया जिससे विश्व के सर्वाधिक आबादी वाले देश में सभी दंपतियों को दो बच्चे रखने की अनुमति मिल गई है। यह एक ऐसा कदम है जिससे वैश्विक तौर पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है।

शिन्हुआ समाचार एजेंसी ने ट्वीटर पर घोषणा की, चीन एक बच्चे की नीति का त्याग करता है। एजेंसी ने सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा चार दिन तक चली बैठक के बाद यहां जारी विज्ञप्ति का हवाला दिया। पार्टी ने यह बैठक अगले पांच साल के लिए देश के लिए नीतियों और योजनाओं को अंतिम रूप देने के लिए आयोजित की थी।

तीन दशक से अधिक समय में यह पहली बार है जब चीन ने एक बच्चे की अपनी नीति का त्याग किया है। इस नीति को विवादास्पद कहा जाता था क्योंकि इसके चलते बहुत से गर्भपात होते थे और अधिकार समूह तथा कार्यकर्ता निरंतर इसकी आलोचना करते थे। संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के मुताबिक 2050 तक चीन में 60 साल से अधिक उम्र के लोगों की संख्या करीब 44 करोड़ होगी।

चीन ने आबादी में वृद्धि पर रोक लगाने के लिए 1970 के दशक के अंत में अपनी परिवार नियोजन नीति लागू की थी और इसके तहत ज्यादातर शहरी दंपतियों को एक बच्चे तथा ज्यादातर ग्रामीण दंपतियों को दो बच्चे रखने तक सीमित कर दिया था। दूसरे बच्चे की इजाजत तभी थी जब पहला बच्चा लड़की हो। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन दुनिया की सर्वाधिक आबादी वाला देश है जहां 1.3 अरब से अधिक जनसंख्या है।