पाकिस्तान के अपदस्थ प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ मंगलवार को संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) ने कथित तौर पर विदेश से प्रतिबंधित धन प्राप्त करने के आरोप में मामला दर्ज किया है। यह मामला राज्य द्वारा इस्लामाबाद में एफआईए के कॉरपोरेट बैंकिंग सर्कल के माध्यम से दायर किया गया था। डॉन अखबार ने बताया कि एफआईआर के अनुसार वूटन क्रिकेट लिमिटेड के मालिक आरिफ मसूद नकवी ने पीटीआई के नाम से पंजीकृत एक बैंक खाते में “गलत तरीके से प्राप्त” धन हस्तांतरित किया।

शिकायत में कहा गया है कि “लेन-देन के संदेशों में इसका उद्देश्य इन फंडों की वास्तविक प्रकृति, उत्पत्ति, स्थान, आवागमन और स्वामित्व को छिपाने के लिए ‘सहमत हस्तांतरण’ है।” प्राथमिकी के अनुसार पूर्व सत्ताधारी दल के नेताओं ने विदेशी मुद्रा अधिनियम का उल्लंघन किया है और उन्हें संदिग्ध बैंक खातों का लाभार्थी घोषित किया गया है। प्राथमिकी में आगे कहा गया है कि नकवी ब्रिटेन और अमेरिका में निवेशकों से धोखाधड़ी के मुकदमे का भी सामना कर रहे हैं।

शिकायत में इमरान खान, सरदार अजहर तारिक खान, सैफुल्ला खान न्याजी, सैयद यूनुस अली रजा, आमेर महमूद कियानी, तारिक रहीम शेख, तारिक शफी, फैसल मकबूल शेख, हामिद जमान और मंजूर अहमद चौधरी को पीटीआई खाते के हस्ताक्षरकर्ता / लाभार्थी के रूप में नामित किया गया है।

पार्टी ने हलफनामे को झूठा और फर्जी करार दिया

एफआईआर के मुताबिक, “पीटीआई ने पाकिस्तान के चुनाव आयोग के समक्ष आरिफ मसूद नकवी का एक हलफनामा प्रस्तुत किया जिसमें कहा गया था कि डब्ल्यूसीएल के खातों में एकत्र की गई सभी राशि पाकिस्तान में पीटीआई के खाते में जमा की गई थी। यह हलफनामा झूठा/फर्जी साबित हुआ है क्योंकि मई 2013 में डब्ल्यूसीएल से पाकिस्तान में दो अलग-अलग खातों में दो और लेनदेन भी किए गए थे।”

पिछले महीने, चुनाव आयोग ने पीटीआई के खिलाफ निषिद्ध धन मामले में अपने फैसले में कहा था कि पार्टी को वास्तव में निषिद्ध धन प्राप्त हुआ था। मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) सिकंदर सुल्तान राजा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय ईसीपी पीठ ने कहा कि पार्टी को “जानबूझकर और इच्छा से” वूटन क्रिकेट लिमिटेड से धन प्राप्त हुआ था। यह भी कहा कि पार्टी 2,121,500 अमरीकी डालर के निषिद्ध धन का “इच्छुक प्राप्तकर्ता” थी।

(PTI से Input के साथ)