शाहरुख खान की चचेरी बहन नूरजहां ने पाकिस्तान चुनाव से अपना नाम वापस ले लिया है। इससे पहले यह खबर आई थी कि नूरजहां पेशावर की एक विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ेंगी। ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ से बातचीत करते हुए शाहरुख की बहन ने कहा है कि उन्होंने अपना नामांकन पत्र वापस ले लिया है। नूरजहां ने यह भी बतलाया कि आवामी नेशनल पार्टी ने उनसे अपील की थी कि वो अपना नामांकन वापस ले लें।
नूरजहां ने बतलाया कि आवामी नेशनल पार्टी के नेता उनके घर पर आए थे और उन्होंने उनसे यह अपील की कि वो उस सीट पर पार्टी प्रत्याशी उमर मोहम्मद की जीत सुनिश्चित कराने के लिए चुनाव में ना उतरें। जिसके बाद उन्होंने अपना नामांकन वापस ले लिया है। आपको बता दें कि नूरजहां पार्षद रह चुकी हैं और पिछले कुछ सालों से वो राजनीति में काफी सक्रिय भी हैं। नूरजहां ने खैबर – पख्तूनख्वा विधानसभा सीट से स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरने का ऐलान किया था।
पाकिस्तान की जिस आवामी नेशनल पार्टी की अपील के बाद नूरजहां ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया उस पार्टी नूरजहां के परिवार वालों का पुराना रिश्ता रहा है। नूरजहां के दादा-परदादा खुदाई खिद्मतगर मूवमेंट से भी जुड़े रहे हैं। यह मूवमेंट गफ्फार खान द्वारा चलाया गया था। गफ्फार खान आवामी नेशनल पार्टी अध्यक्ष अफसनदयार वली खान के दादा हैं।
नूरजहां ने कहा है कि वो महिलाओं की आवाज उठाने के लिए ही राजनीति में आईं। उन्होंने कहा कि महिलाओं की आवाज विधानसभा में पहुंचाने के लिए ही उन्होंने चुनाव लड़ने का फैसला लिया था। उन्होंने कहा कि सिर्फ महिला अधिकारों को लेकर रिजॉल्यूशन पास करने से ज्यादा बदलाव नहीं आ सकता। उन्होंने कहा कि आवामी पार्टी ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि जीत के बाद वो निश्चित तौर पर उनके लक्ष्य की दिशा में प्रयास करेगी। यहां आपको यह भी बतला दें कि जब शाहरुख खान की रिश्तेदार ने पाकिस्तान से चुनाव लड़ने की बात कही थी तब सोशल मीडिया साइट ट्विटर पर लोगों ने किंग खान को काफी ट्रोल किया था।

