नए साल में भी बीजिंग पर जहरीली धुंध छाए रहने पर चीन ने भारी वायु प्रदूषण की स्थिति में जारी किए गए ऑरेंज अलर्ट की अवधि तीन दिन के लिए और बढ़ा दी है। इस कारण अधिकारियों को पड़ोसी तियानजिन शहर में सैकड़ों उड़ानें रद्द करने के लिए विवश होना पड़ा है। बीजिंग नगर पर्यावरण संरक्षण ब्यूरो की ओर से जारी बयान में कहा गया कि प्रदूषण स्तर के आधार पर ऑरेंज अलर्ट रेड अलर्ट के बाद दूसरे स्थान पर आता है। यह ऑरेंज अलर्ट मूल रूप से बीते शुक्रवार से रविवार (1 जनवरी) तक लागू था लेकिन अब इसे बुधवार (4 जनवरी) आधी रात तक हटाया नहीं जाएगा। इस बात की आलोचना की जा रही है कि बीजिंग ने भारी प्रदूषण स्तरों के बावजूद बीते दिनों रेड अलर्ट जारी क्यों नहीं किया। यह प्रदूषण पिछले दो दिन में खतरनाक स्तर तक पहुंच गया था।

ब्यूरो ने कहा कि कमजोर ठंडी हवा के कारण वायु गुणवत्ता में सुधार होगा लेकिन मंगलवार (3 जनवरी) और बुधवार को वायु प्रदूषण का स्तर फिर से मध्यम या भारी हो जाएगा। इस आपातकालीन योजना के तहत, भारी प्रदूषण फैलाने वाले गैसोलीन वाहनों और निर्माण संबंधी कचरा ले जाने वाले ट्रकों का सड़कों पर परिचालन प्रतिबंधित रहेगा। बीजिंग में प्रदूषण के स्तर के बारे में बताने वाले चार चरणीय अलर्ट हैं। इसमें रेड अलर्ट सबसे अधिक प्रदूषण की स्थिति में जारी किया जाता है। इसके बाद ऑरेंज, येलो और फिर ब्लू अलर्ट होते हैं। ऑरेंज अलर्ट का अर्थ है कि वायु गुणवत्ता सूचकांक लगातार तीन दिन तक 200 से अधिक रहने वाला है। इसी बीच पड़ोसी शहर तियानजिन ने रविवार को भारी स्मॉग के कारण दृश्यता के सीमित हो जाने के चलते सैकड़ों उड़ानें रद्द कर दीं। निकाय सरकार ने जहरीली धुंध और दृश्यता की कमी के कारण शनिवार (31 दिसंबर) रात को ऑरेंज अलर्ट जारी किया था।

ऑरेंज अलर्ट का अर्थ है कि भारी प्रदूषण- पीएम2.5 अगले तीन दिन तक 150 से अधिक रहने वाला है। शिन्हुआ की खबर के अनुसार, कुल 309 उड़ानें रद्द की गई हैं और 15 विमानों को अन्य हवाईअड्डों पर उतरने के लिए मजबूर होना पड़ा जबकि एक विमान को लौटा दिया गया ।
फंसे हुए यात्रियों की देखभाल के लिए आपात योजनाएं लागू कर दी गई हैं। शहर के परिवहन अधिकारियों ने कहा कि शहर के सभी राजमार्ग भी बंद हैं। स्थानीय मौसम ब्यूरो ने पूर्वानमुमान व्यक्त किया था कि मौजूदा स्मॉग पांच जनवरी तक जारी रहेगा। सर्दियों में स्मॉग की चपेट में आने वाले उत्तरी चीन का तियानजिन इस स्थिति का अकसर शिकार बनता है। यहां का ठंडा मौसम और गर्मी पैदा करने के लिए जलाया जाने वाला दूषित कोयला स्थिति को बिगाड़ देता है।