पेरिस सम्मेलन में लाख कोशिशों के बावजूद जलवायु संकट पर भारतीय प्रधानमंत्री की रजामंदी हासिल करने में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा भले ही नाकाम साबित हुए हों पर इसके बावजूद दोनों नेताओं के संबंधों में माधुर्य बरकरार है। कथित असहिष्णुता के मुद्दे पर अपने देश में एक तबके की आलोचनाएं झेल रहे मोदी के बारे में ओबामा का मानना है कि वे एक ‘ईमानदार और बेबाक’ राजनेता हैं जिनकी भारत के लिए एक बहुत स्पष्ट दृष्टि है। वाइट हाउस के प्रेस सचिव जोश अर्नेस्ट ने बुधवार को अपने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को राष्ट्रपति ओबामा एक ऐसा व्यक्ति मानते हैं जो ईमानदार और बेबाक हैं, जिनकी तथ्यों पर अच्छी पकड़ है और जिसे अपने देश के समक्ष मौजूद मुद्दों और दोनों देशों के आपसी संबंध के बारे में स्पष्ट समझ है।

पेरिस में गत सोमवार को संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन के इतर ओबामा और मोदी की मुलाकात हुई थी। पिछले वर्ष सितंबर में वाइट हाउस में पहली मुलाकात के बाद दोनों देशों के इन नेताओं के बीच होने वाली यह छठी मुलाकात थी। अर्नेस्ट ने कहा कि वे (मोदी) एक ऐसे व्यक्ति हैं जिनके पास इस बारे में स्पष्ट दृष्टि है कि वे अपने देश को कहां पहुंचाना चाहते हैं और यह उन्हें सिर्फ एक प्रभावी नेता ही नहीं बल्कि एक प्रभावशाली प्रधानमंत्री भी बनाता है। अर्नेस्ट ने कहा कि ओबामा निश्चित तौर पर प्रधानमंत्री मोदी का सम्मान करते हैं और एक नेता के तौर पर उनके कौशल व क्षमताओं की सराहना करते हैं। वे एक ऐसे व्यक्ति हैं जिन्हें दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के शीर्ष पद पर आसीन होने की एक बहुत मुश्किल चुनौती मिली है। उन्होंने कहा कि यह काम करना आसान नहीं और यह कोई आसान काम नहीं है और अमेरिकी राष्ट्रपति को इस बात की विशेष समझ है कि यह कितना मुश्किल काम है।

अर्नेस्ट ने दोनों नेताओं के बीच हुई कई बैठकों का जिक्र करते हुए कहा कि कई मौकों पर ओबामा को मोदी से मशविरा करने का अवसर मिला। अर्नेस्ट ने कहा कि मुझे लगता है कि यह न केवल उनके अच्छे संबंधों, बल्कि हमारे दोनों देशों के लिए अहम रहे कई महत्त्वपूर्ण मुद्दों का भी एक संकेत है। इन मुद्दों पर काम करने की दोनों नेताओं की क्षमता व साझा हितों को आगे बढ़ाने की दिशा में हमारे दोनों नेताओं का प्रयास एक अच्छी बात है। उन्होंने कहा कि यह दुनिया और हमारे दोनों देशों के नागरिकों के लिए अच्छी बात है।

पहला वाकया नहीं
ओबामा ने इसी साल अप्रैल में ‘टाइम’ पत्रिका में लिखे आलेख में मोदी को भारत का ‘मुख्य सुधारक’ करार दिया था। उन्होंने मोदी की सामान्य पृष्ठभूमि का जिक्र करते हुए लिखा कि उनका प्रधानमंत्री बनना भारतीय लोकतंत्र की जीवंतता और गतिशीलता दर्शाता है। मोदी प्राचीन और आधुनिक का संगम हैं। वे योग करते हैं और डिजिटल इंडिया के सपने की बात करते हैं।