बांग्लादेश के गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल ने गुरुवार को यहां कहा कि शीर्ष उल्फा नेता अनूप चेतिया को भारत को सौंपे जाने से भारत और बांग्लादेश के बीच नजदीकी संबंध विशेष तौर पर सुरक्षा के क्षेत्र में संबंध प्रतिबिंबित होते हैं। कमाल ने साथ ही उम्मीद जताई कि भारत भी इसके बदले में पश्चिम बंगाल में बंद एक बांग्लादेशी नागरिक को सौंपेगा। बांग्लादेश द्वारा चेतिया को भारतीय अधिकारियों को सौंपे जाने के बाद कमाल ने कहा-‘यह हमारी ओर से एक उचित कदम था और हम इसी तरह से भविष्य में भी सहयोग करने को तैयार हैं जो कि हमारे साझा हित में है।’
चेतिया 18 साल से अधिक समय से बांग्लादेश की जेल में बंद था। चेतिया का प्रत्यर्पण मुंबई के अंडरवर्ल्ड सरगना छोटा राजन की इंडोनेशिया से प्रत्यर्पण के 18 दिन बाद हुआ है। चेतिया के प्रत्यर्पण को तब तक गुप्त रखा गया जब तक वह पश्चिमोत्तर सिलहट सीमा से भारत नहीं पहुंच गया। चेतिया के साथ उसके दो सहयोगी भी लाए गए हैं। ये दोनों भी बांग्लादेश की जेल में बंद थे।
यह पूछे जाने पर कि क्या बांग्लादेश इसके बदले में भारत से कुछ चाहता है, मंत्री ने कहा-‘हम इसके बदले में कुछ भी नहीं चाहते क्योंकि यह परस्पर मित्रता और विशेष तौर पर सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग के तहत किया गया।’
हालांकि स्थानीय मीडिया की खबरों में कमाल के हवाले से कहा गया कि सात हत्याओं के मुख्य षड्यंत्रकर्ता नूर हुसैन को भारत उसी तरह से अदालत का सामना करने के लिए लौटाए जैसे चेतिया को उसे लौटाया गया। नूर हुसैन पश्चिम बंगाल में बंद है। चेतिया की वापसी के बारे में जानकारी होने से पहले इनकार करने वाले और बाद में इसकी पुष्टि करने वाले कमाल ने कहा-‘हम उसे (हुसैन) इसी तरह से सीमा पर लेने जाएंगे जैसे हम अनूूप चेतिया को छोड़ने गए थे।’
मंत्री ने हालांकि कहा कि चेतिया के मामले की तुलना हुसैन के मामले से नहीं की जानी चाहिए और हम बदले में उसकी वापसी की मांग नहीं कर रहे हैं। यह कोई आदान-प्रदान का मामला नहीं है। कमाल ने कहा कि हुसैन को भारत जब भी वापस करता है हम उसे स्वीकार करने को तैयार हैं। भारतीय अधिकारियों के पास कोई लंबित औपचारिकताएं होंगी जिससे उसकी वापसी में देरी हो रही है।
हुसैन पिछले साल 27 अप्रैल को शहर के एक पार्षद और एक वकील सहित सात व्यक्तियों के अपहरण और उनकी हत्या के षड्यंत्र रचने के सिलसिले में वांछित है। इन सभी के शव बाद में शीतलक्या नदी से मिले थे। हुसैन पर आरएबी के अधिकारियों को हत्या के लिए रिश्वत देने का आरोप है। इन सभी पर फिलहाल बांग्लादेश की अदालत में मामला चल रहा है।
चेतिया के मामले में बांग्लादेश पिछले साल से ही कहता रहा था कि उल्फा नेता को दोनों देशों के बीच हुई उच्चस्तरीय बातचीत के अनुरूप जल्द ही वापस किए जाने की उम्मीद है।