बांग्लादेशी पॉलिटिकल एक्टिविस्ट उस्मान हादी की इसी महीने गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उसके बाद से बांग्लादेश में जमकर हिंसा हुई और इसमें हिंदुओं को भी शिकार बनाया गया। इस बीच अब ढाका पुलिस ने बड़ा दावा किया है। द डेली स्टार की एक रिपोर्ट के अनुसार ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने बताया कि उस्मान हादी की हत्या के दो मुख्य संदिग्ध हत्या के बाद मेघालय सीमा के रास्ते भारत भाग गए। DMP मीडिया सेंटर में एक प्रेस ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए असिस्टेंट कमिश्नर एसएन नज़रुल इस्लाम ने कहा कि संदिग्ध फैसल करीम मसूद और आलमगीर शेख स्थानीय साथियों की मदद से मैमनसिंह में हालुआघाट सीमा के रास्ते भारत में घुस गए।
ढाका पुलिस ने क्या कहा?
द डेली स्टार के अनुसार नज़रुल इस्लाम ने कहा, “हमारी जानकारी के अनुसार, संदिग्ध हालुआघाट सीमा के रास्ते भारत में घुसे। सीमा पार करने के बाद उन्हें शुरू में पूर्ति नाम के एक व्यक्ति ने रिसीव किया। बाद में सामी नाम के एक टैक्सी ड्राइवर ने उन्हें मेघालय के तुरा शहर पहुंचाया। हम उनकी गिरफ्तारी और प्रत्यर्पण सुनिश्चित करने के लिए औपचारिक और अनौपचारिक दोनों चैनलों के माध्यम से भारतीय अधिकारियों के साथ संपर्क बनाए हुए हैं।”
नज़रुल इस्लाम ने कहा कि बांग्लादेशी अधिकारियों को अनौपचारिक इनपुट मिले हैं कि पूर्ति और सामी दोनों को भारतीय अधिकारियों ने हिरासत में ले लिया है। हालांकि आधिकारिक पुष्टि का इंतजार है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश सरकार भगोड़ों की वापसी सुनिश्चित करने के लिए भारत के संपर्क में है, और उनकी गिरफ्तारी और प्रत्यर्पण के लिए औपचारिक और अनौपचारिक दोनों चैनलों के माध्यम से बातचीत चल रही है।
कौन है उस्मान हादी जिसकी हत्या के बाद फिर हिंसा की आग में झुलस रहा बांग्लादेश
भारत के आलोचक थे हादी
उस्मान हादी एक प्रमुख राजनीतिक हस्ती और भारत और अवामी लीग के कड़े आलोचक थे। वह पिछले साल के हिंसक छात्र-नेतृत्व वाले सड़क आंदोलन (जिसे जुलाई विद्रोह के नाम से जाना जाता है) के नेताओं में से एक थे। इस आंदोलन के कारण शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार गिर गई थी। विद्रोह के बाद, हादी ने इंकलाब मंच नाम का एक राजनीतिक मंच शुरू किया और फरवरी में होने वाले संसदीय चुनावों में चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे।
हादी को मारी गई थी गोली
12 दिसंबर को ढाका में नकाबपोश बंदूकधारियों ने हादी को सिर में गोली मार दी थी। बाद में उन्हें इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया, जहां छह दिन बाद उनकी मौत हो गई। उनकी हत्या के बाद ढाका और देश के अन्य हिस्सों में बड़े पैमाने पर हिंसा भड़क गई।
कट्टरपंथियों ने हिंदू युवक को मार डाला
भीड़ ने ढाका में बड़े पैमाने पर प्रसारित होने वाले अखबारों प्रोथोम आलो और द डेली स्टार के कार्यालयों के साथ-साथ सांस्कृतिक संगठनों छायानाट और उदिची शिल्पी गोष्ठी में आग लगा दी। अशांति मध्य बांग्लादेश में भी फैल गई, जहां मैमनसिंह में एक हिंदू फैक्ट्री मजदूर को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला, जिससे हादी की मौत के बाद तनाव और बढ़ गया। पढ़ें उस्मान हादी को मारने वाला फैसल करीम कौन है
