बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को सोमवार को बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण द्वारा उनकी अनुपस्थिति में मानवता के विरुद्ध अपराध के लिए मौत की सजा सुनाई गई। यह सजा पिछले साल छात्रों के नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शनों पर उनकी सरकार की क्रूरतापूर्ण कार्रवाई के लिए दी गई। वहीं, दूसरी ओर शेख हसीना के बेटे ने ढाका द्वारा उनकी मां के प्रत्यर्पण अनुरोध पर तीखा हमला किया है।
न्यूज एजेंसी एएनआई के साथ एक इंटरव्यू में सजीब वाजेद जॉय ने उन्हें शरण देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति गहरा आभार व्यक्त किया। दावा किया कि आतंकवादी उनकी हत्या की योजना बना रहे थे। वाजेद ने बांग्लादेश के प्रत्यर्पण अनुरोध की वैधता को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया और अपनी मां के खिलाफ मामलों में न्यायिक मानदंडों के उल्लंघन का आरोप लगाया। सजीब वाजेद ने उनकी जान बचाने का श्रेय भारत को दिया। उन्होंने कहा, “भारत ने वास्तव में मेरी मां की जान बचाई है। अगर वह बांग्लादेश नहीं छोड़तीं तो उग्रवादियों ने उनकी हत्या की योजना बना ली होती।”
‘भारतीय अधिकारी शेख हसीना के प्रत्यर्पण अनुरोध को अस्वीकार कर देंगे’
शेख हसीना के बेटे ने कहा, “उन्होंने मुकदमे से पहले ही 17 जजों को बर्खास्त कर दिया, संसदीय मंज़ूरी के बिना अवैध रूप से क़ानूनों में संशोधन किया और उनके बचाव पक्ष के वकीलों को अदालती कार्यवाही से रोक दिया।” उन्होंने आगे कहा, “जब कोई उचित प्रक्रिया ही न हो तो कोई भी देश प्रत्यर्पण नहीं करेगा।” उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भारतीय अधिकारी ढाका में उचित कानूनी प्रक्रियाओं के अभाव का हवाला देते हुए इस अनुरोध को अस्वीकार कर देंगे। अपदस्थ प्रधानमंत्री पर बांग्लादेश में उनके 15 साल के कार्यकाल से संबंधित कई आरोप हैं लेकिन वाजेद का कहना है कि अंतरिम सरकार ने न्यायिक प्रक्रिया के साथ बुनियादी तौर पर समझौता किया है।
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वाजेद ने आरोप लगाया कि अंतरिम यूनुस सरकार ने शेख हसीना प्रशासन के तहत पूर्व में दोषी ठहराए गए हजारों आतंकवादियों को रिहा कर दिया है। उन्होंने दावा किया कि लश्कर-ए-तैयबा अब बांग्लादेश में स्वतंत्र रूप से काम कर रहा है। सजीब ने इसकी स्थानीय शाखा और दिल्ली में हाल ही में हुए आतंकवादी हमलों के बीच संबंध होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री मोदी बांग्लादेश से आतंकवाद को लेकर बहुत चिंतित हैं।”
वहीं, शेख हसीना को इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल द्वारा फांसी की सजा सुनाए जाने और ढाका द्वारा दिल्ली से उन्हें वापस भेजने का अनुरोध किए जाने के एक दिन बाद उनकी अवामी लीग पार्टी के नेताओं ने देश वापस लौटने को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि वे तभी वापस लौट सकते हैं जब राजनीतिक समावेश हो और वे उम्मीद करते हैं कि भारत उन्हें आश्रय, साथ ही सम्मान और सुरक्षा देना जारी रखेगा। पढ़ें- शेख हसीना को मौत की सजा, अब आगे क्या होगा?
