बांग्लादेश अमेरिका से मक्का आयात कर रहा है। इसकी जानकारी ढाका स्थित अमेरिकी दूतावास ने की। अमेरिकी दूतावास ने एक्स पर पोस्ट कर बताया कि अमेरिकी मक्का बांग्लादेश में आने वाला है।

इस पोस्ट ने सोशल मीडिया पर हड़कंप जैसा माहौल बना दिया और लोगों ने इसका मजाक भी बनाया।

अमेरिकी दूतावास ने किया पोस्ट

अमेरिकी दूतावास ने अपने पोस्ट में कहा, अमेरिकी मक्का बांग्लादेश में इस माह आने वाला है। यह अपने पौष्टिक गुणवत्ता के जाना जाता है। यह कॉर्नब्रेड और ब्रेकफास्ट सेरेल जैसे मुख्य खाद्य पदार्थों सहित कई खाद्य पदार्थों में एक अहम सामग्री के रूप में काम करता है। मक्के का इस्तेमाल जानवरों को भी खिलाने के लिए भी किया जाता है, जो मीट, डेयरी और अंडों की विश्वसनीय आपूर्ति सुनिश्चित करने में मदद करती है।

लोगों ने बनाया मजाक

इस पोस्ट के सामने आते ही लोगों ने इसका जमकर मजाक उड़ाया। लोगों ने कहा कि अमेरिका में मक्के की खेती में सूअर के गोबर का इस्तेमाल उर्वरक के रूप में किया जाता है, ऐसे में बांग्लादेश जैसे मुस्लिम देश के लोग इसका इस्तेमाल कैसे कर पाएंगे।

‘अंकल सैम बांग्लादेश को बर्बाद कर रहे’

एक पत्रकार ने इस पर ट्वीट किया, डॉन (ट्रंप) के सामने झुकने के बदले बांग्लादेश को अमेरिका मक्का (सूअर के गोबर से बनी खाद में उगाया गया) मिला है और पाकिस्तान को गाजा में शांति सेना भेजने का अधिकार मिला।

एक अन्य यूजर ने लिखा, अंकल सैम बांग्लादेश को बर्बाद कर रहे हैं। अब बांग्लादेशियों को सूअर के खाद में तैयार किया गया मक्का खाना पड़ेगा।

एक यूजर ने कहा कि अब इस्लामिक देश के लोग सूअर के मल से उगाया हुआ मक्का खाएंगे। एन्जॉय!” एक अन्य ने ट्वीट में कहा, “गरीब बांग्लादेशी ट्रंप के खराब फूड और लोन पालिसियों के तहत बलि का बकरा बन रहे हैं।”

हालांकि अमेरिकी दूतावास ने अब तक इन आलोचनाओं पर अपनी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

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क्यों चर्चा में यह मक्का?

जानकारी दे दें कि चूंकि बांग्लादेश मुस्लिम देश है, और मुस्लिम देशों में सूअर के मीट से बने उत्पादों का इस्तेमाल या सेवन करना हराम यानी मना है। ऐसे में सूअर के गोबर में तैयार किए गए इस मक्के का मुद्दा तेजी से चर्चा में है।

बता दें कि कुछ साल पहले बांग्लादेश ने मीट एंड बोन मील (एमबीएम) पाउडर में सूअर का मांस पाए जाने पर उसे बैन कर दिया था। यह पाउडर मछलियों और जानवरों को खिलाए जाते थे। यह पाउडर काटे गए जानवरों के उन हिस्सों को सूखाकर फिर पीसकर तैयार किया जाता था, जो खाने योग्य नहीं होते थे।

पैदावार बढ़ाने के लिए करते हैं इस्तेमाल

जानकार के मुताबिक, अमेरिकी मक्के के खेत में प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए उसमें सूअर के मल डाले जाते हैं। इस साल अमेरिका में मक्के का बंपर पैदावार हुई है और अमेरिका अब बांग्लादेश और भारत जैसे वैश्विक बाजारों में इसके निर्यात को बढ़ावा दे रहा है। खबरों की मानें तो इस साल अधिक पैदावार होने के कारण अमेरिकी किसानों ने सड़क के किनारे मक्के के ढेर फेंके हैं।

दरअसल, मक्का और सोयाबीन आयात करने के लिए अमेरिका के दबाव का भारत ने विरोध किया, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते की बातचीत रुक गई है। भारत ने अब तक छोटे किसानों की आजीविका की रक्षा करने की आवश्यकता का हवाला देते हुए अमेरिकी मक्के के लिए बड़े पैमाने पर बाजार पहुंच का विरोध किया है। हालांकि, रॉयटर्स के अनुसार, भारत केवल इथेनॉल उत्पादन के लिए सीमित आयात की अनुमति दे सकता है।

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