भारत और बांग्लादेश के बीच जारी तनाव के बीच बांग्लादेश ने मंगलवार को भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को विदेश मंत्रालय के कार्यालय में तलब किया। विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन ने मीडिया को बताया कि उन्हें बुलाया गया है। अगरतला में बांग्लादेश सहायक उच्चायोग में कुछ प्रदर्शनकारियों द्वारा सुरक्षा बैरिकेड्स तोड़ने और संपत्ति में तोड़फोड़ करने के एक दिन बाद , बांग्लादेश ने मंगलवार को ढाका में विदेश मंत्रालय में भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को तलब किया।
सरकारी समाचार एजेंसी ‘बांग्लादेश संवाद संस्था’ (बीएसएस) ने कहा कि भारतीय उच्चायुक्त शाम चार बजे यहां विदेश मंत्रालय पहुंचे। बीएसएस ने बताया कि कार्यवाहक विदेश सचिव रियाज हमीदुल्ला ने भारतीय उच्चायुक्त को तलब किया है।
अगरतला में बांग्लादेश के सहायक उच्चायोग ने सुरक्षा स्थिति का हवाला देते हुए अगली सूचना तक अपनी सभी वीजा और वाणिज्य दूतावास सेवाएं निलंबित कर दीं, जबकि घटना में कथित रूप से शामिल सात लोगों को गिरफ्तार किया गया। यह घटना बांग्लादेश में हिंदू भिक्षु चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई। अगरतला में सहायक उच्चायोग परिसर में तैनात तीन पुलिसकर्मियों को ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है और विभागीय कार्यवाही शुरू कर दी गई है।
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भारत बांग्लादेश के साथ स्थिर संबंध चाहता है
दूसरी ओर भारतीय उच्चायुक्त वर्मा ने कहा कि भारत बांग्लादेश के साथ निरंतर, स्थिर संबंध चाहता है और कोई भी मुद्दा द्विपक्षीय संबंधों के लिए बाधा नहीं बनना चाहिए। कार्यवाहक विदेश सचिव रियाज हमीदुल्लाह के साथ अपनी बैठक के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “हम बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के साथ बातचीत करने के इच्छुक हैं।”
हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी और बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हमलों के विरोध में त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में सोमवार को हजारों की संख्या में लोगों ने व्यापक प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी बांग्लादेश के सहायक उच्चायोग में कथित तौर पर घुस गए और कथित तौर पर तोड़फोड़ की। विदेश मंत्रालय ने इस घटना को बहुत खेदजनक बताया है। नजरुल ने आरोप लगाया कि हिंदू संघर्ष समिति नाम का एक संगठन इसके लिए जिम्मेदार है। उन्होंने दावा किया कि घटना के तहत बांग्लादेश के राष्ट्रीय झंडे को जला दिया गया।
बांग्लादेश ने बताया भारत की नाकामी
वहीं, अगरतला स्थित बांग्लादेश के राजनयिक मिशन में तोड़फोड़ की घटना को भारत की नाकामी बताते हुए, मंगलवार को यहां अंतरिम सरकार के एक सलाहकार ने शेख हसीना सरकार के अपदस्थ होने के बाद देश के साथ संबंधों का नयी दिल्ली से फिर से आंकलन करने को कहा। कानूनी मामलों के सलाहकार आसिफ नजरुल ने फेसबुक पोस्ट में लिखा, ‘‘हम समानता और परस्पर सम्मान आधारित मित्रता में यकीन रखते हैं। शेख हसीना सरकार ने चुनावों के बिना सत्ता में बने रहने के लिए भारत समर्थक नीति का पालन किया लेकिन भारत को यह समझना चाहिए कि यह शेख हसीना का बांग्लादेश नहीं है।’’ पढ़ें- बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों का मास्टरमाइंड कौन? शेख हसीना ने बता दिया
(भाषा के इनपुट के साथ)