एक डच अदालत ने एक व्यक्ति को स्पर्म डोनेट करने पर बैन लगा दिया है। स्पर्म डोनर जोनाथन एम पर गर्भ धारण करने में मदद के लिए भावी माता-पिता को गुमराह करने और बच्चों को मनोवैज्ञानिक रूप से खतरे में डालने का आरोप लगाया गया है। इसी मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उसके स्पर्म डोनेट करने पर प्रतिबंध लगा दिया।
हेग जिला न्यायालय (Hague District Court) के एक न्यायाधीश ने दाता के शुक्राणु और अन्य माता-पिता का प्रतिनिधित्व करने वाले एक फाउंडेशन के साथ गर्भ धारण करने वाले बच्चे की मां द्वारा लाए गए निषेधाज्ञा पर रोक लगाने का आदेश दिया। याचिकाकर्ता मां ने अदालत के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा, “मुझे उम्मीद है कि इस फैसले से बड़े पैमाने पर स्पर्म डोनेट पर प्रतिबंध लग जाएगा और दूसरे देशों में भी होगा। हमें अपने बच्चों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहना चाहिए और इस अन्याय के खिलाफ उनकी रक्षा करनी चाहिए।
अदालत ने कहा कि डच दिशानिर्देशों के तहत शुक्राणु दाताओं को 12 माताओं के साथ अधिकतम 25 बच्चे पैदा करने की अनुमति है। जोनाथन एम ने अपने दान के इतिहास के बारे में भावी माता-पिता से झूठ बोला। अदालत ने अपने लिखित फैसले में कहा कि डच निजता दिशानिर्देशों के तहत डोनर की पहचान जोनाथन एम. के रूप में की गई है। उसने कई डच फर्टिलिटी क्लीनिक और डेनमार्क के एक क्लिनिक के साथ-साथ विज्ञापनों और ऑनलाइन मंचों के माध्यम से कई अन्य लोगों को स्पर्म मुहैया कराया, जिनसे वह जुड़ा था।
स्पर्म डोनर के वकील ने अदालत में सुनवाई के दौरान कि वह उन माता-पिता की मदद करना चाहते हैं जो गर्भ धारण करने में असमर्थ थे। अदालत ने एक बयान में कहा कि दाता ने माता-पिता को राजी करने के लिए जानबूझकर इसके बारे में झूठ बोला। 41 वर्षीय स्पर्म डोनर जोनाथन एम ने कम से कम 13 क्लीनिकों में अपने शुक्राणु दान किए, जिनमें से 11 नीदरलैंड में स्थित हैं।
याचिकाकर्ता महिला ने कहा कि अगर उसे यह सब पता होता कि स्पर्म डोनर पहले ही 500 से अधिक बच्चों का बाप बन चुका है तो उसे बिल्कुल नहीं चुनती।