पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के पूर्व विधायक बलदेव कुमार ने भारत सरकार से उन्हें राजनीतिक शरण देनी की मांग की है। तीन महीने के वीजा पर भारत पहुंचे कुमार ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया जाता। स्वात घाटी के बारिकोट के सिख समुदाय के बलदेव को करीब 36 घंटे तक विधायक रहने का गौरव प्राप्त है। हालांकि उन्हें मुख्यमंत्री के विशेष सलाहकार सोरन सिंह की हत्या के आरोप में साल 22 अप्रैल, 2016 को गिरफ्तार किया गया था।

पाकिस्तान के अंग्रेजी अखबार द डॉन में छपी एक खबर के मुताबिक कुमार को अप्रैल 2018 के आखिर में बुनेर आतंकवाद विरोधी कोर्ट ने बरी कर दिया और उसी साल मई में उन्हें विधायक के तौर शपथ ली। मगर आम चुनाव कराने के एक दिन बाद विधानसभा भंग कर दी गई।

इसी बीच बलदेव कुमार के भाई और स्वात घाटी में गैर मुस्लिम समुदाय के सदस्य तलक कुमार ने उन सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया जो भारत पहुंचे बलदेव कुमार ने मीडिया के हवाले से पाकिस्तान सरकार पर लगाए। तहसील पार्षद रह चुके तलक कुमार ने भाई के सभी आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा, ‘आरोप ना सिर्फ अजीब हैं बल्कि तर्कहीन भी हैं। चूंकि हम यहां पैदा हुए और खुशी से अपने परिवार के साथ रह रहे हैं। हम व्यापार कर रहे हैं और सरकारी विभागों में प्रमुख पदों पर काम भी कर रहे हैं।’

अखबार ने तलक कुमार के हवाले से दावा किया, ‘देश सिख सहित अल्पसंख्यक समुदाय के लोग पाकिस्तान में सुरक्षा का आनंद ले रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि स्वात, बुनेर और शांगला में पूरी आजादी के आजादी के साथ सिख समुदाय रह रहा है। उन्होंने पाकिस्तान के प्रति अपनी देशभक्ति दिखाते हुए कहा कि युद्ध की स्थिति में पाकिस्तानी सिख सबसे आगे खड़े मिलेंगे।