पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट की तरफ से फैसले की टाइमिंग को लेकर सवाल उठाए हैं। कुरैशी ने कहा कि अयोध्या में सैकड़ों साल पुराने धार्मिक स्थल के मालिकाना हक को लेकर फैसला से भारत में मुस्लिम समुदाय पर दबाव पड़ेगा।
यहां कुरैशी ने भारत में रहने वाले मुस्लिमों को दबा हुआ बताया। जियो न्यूज की खबर के अनुसार कुरैशी ने कहा कि अयोध्या फैसले को विस्तार से पढ़ने के बाद इसे लेकर पाकिस्तानी विदेश कार्यालय की तरफ से बयान जारी किया जाएगा। कुरैशी ने कहा कि क्यों अयोध्या मामले में फैसला आज ही सुनाया गया।
उन्होंने सवाल उठाया कि जब सुप्रीम कोर्ट इस मामले में लंबे समय से सुनवाई कर रही थी तो इस फैसले को करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन के ही दिन क्यों सुनाया गया। विदेश मंत्री ने सत्ताधारी भाजपा को भी निशाना बनाया। उन्होंने कहा कि भाजपा अपनी नफरत की राजनीति से घृणा के बीज बो रही है।
उन्होंने कहा कि करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन जैसे खुशी के मौके पर मैं असंवेदनशीलता देखकर दुखी हूं। मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को अयोध्या विवाद पर अपना फैसला सुना दिया। सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की पीठ ने विवादित जमीन को रामजन्म भूमि ट्रस्ट को देने का फैसला सुनाया।
अदालत ने मुस्लिम पक्ष को मस्जिद के लिए पांच एकड़ की जमीन देने का निर्णय दिया। अदालत ने कहा कि मुस्लिम पक्ष विवादित जमीन पर अपना दावा साबित करने में असफल रहा। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अब अयोध्या में राम मंदिर बनने का रास्ता साफ हो गया है।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद मुस्लिम पक्ष को छोड़कर भाजपा, कांग्रेस और आरएसएस समेत अन्य सभी राजनीतिक दलों ने इस फैसले का स्वागत किया। आरएसएस प्रमुख ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को हार-जीत के साथ जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। वहीं, कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि वह राम मंदिर के निर्माण के पक्ष में हैं।
उन्होंने कहा कि इस फैसले से न केवल मंदिर निर्माण का रास्ता खुला है, बल्कि बीजेपी और दूसरी ऐसी पार्टियों द्वारा इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने की प्रक्रिया का भी अंत हो गया है। वहीं, सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अंसतुष्टि जताते हुए ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के जफरयाब जिलानी ने कहा कि अगर कमेटी सहमत हुई तो फैसले के खिलाफ रिव्यू पेटिशन दाखिल करेंगे।
