ऑस्ट्रेलिया में हजारों महिलाएं प्रदर्शन कर रही हैं। महिलाएं असुरक्षित कार्यस्थल को लेकर परेशान हैं। इधर पूर्व सांसद जूलिया बैंक्स ने एक मंत्री पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि मौजूदा कैबिनेट मंत्री ने उन्हें गलत तरीके से छुआ था।
पूर्व सांसद बैंक्स ने उस घटना को याद करते हुए कहा कि संसदीय वोट सत्र के दौरान जाने से पहले उस पुरुष सांसद ने उनकी जांधों पर हाथ फेरा था। पूर्व सांसद के बयान पर प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से कहा गया है कि इस तरह का व्यवहार ‘पूरी तरह से गलत’ था। हालांकि बैंक्स की तरफ से अभी तक उस व्यक्ति के नाम को उजागर नहीं किया गया है। हालांकि उन्होंने इतना जरूर कहा है कि वो अभी भी कैबिनेट में हैं।
बैंक्स ने कहा है कि वो और दूसरे कई सांसद उस समय रात के वक्त संसद में मतदान के लिए इंतजार कर रहे थे। उसी समय मंत्री आकर उनके बगल में बैठ गए और अपना हाथ उनकी जांघ के ऊपर रख दिया और धीरे-धीरे अपना हाथ बढ़ाते रहें। बैंक्स का आरोप है कि उसके बाद उन्होंने बैंक्स के पैरों पर भी अपना हाथ रखा।
इधर देश में चल रहे आंदोलन को महिला सांसदों का भी साथ मिल रहा है। महिला सांसदों का कहना है कि संसद में पुरुष खुद को राजा समझकर उनसे यौन दुर्व्यवहार करते आए हैं। कुछ सासंदों ने संसद को सबसे असुरक्षित कार्यस्थल करार दिया है। महिलाओं ने कहा है कि जब भी पुरुषों के बर्ताव को लेकर सवाल उठाए गए हैं तो उनका चारित्रिक हनन किया गया है।
देश में चल रहे आंदोलन को लेकर लेबर पार्टी की नेता तान्या लिपर्सेक ने कहा है कि संसद से जुड़ी रही महिलाओं में लंबे समय से दबा गुस्सा फूट रहा है। अन्य संस्थाओं में तो लिंग समानता ने जोर पकड़ा है लेकिन सत्ता प्रतिष्ठान में पुरूषों का ही दबदबा है। महिलाएं पुरुषों का नाम नहीं ले पाती हैं क्योंकि नौकरी और न्याय में से उन्हें किसी एक को चुनना होता है।