Article 370: आर्टिकल 370 के जरि‍ए जम्‍मू-कश्‍मीर का विशेष दर्जा खत्‍म किए जाने के भारत सरकार के फैसले पर पाकिस्तान में भी हलचल है। इस बारे में देश का रुख तय करने के लिए मंगलवार को पाकिस्तान की संसद का संयुक्‍त सत्र बुलाया गया। हालांकि, इसमें हंगामा हो गया।विपक्ष दो कारणों से नाराज था। एक तो,सुबह पीएम इमरान खान संसद नहीं आए और दूसरा, उन्‍होंने संयुक्‍त सत्र बुलाने का जो प्रस्‍ताव पेश किया उसमें ‘आर्ट‍िकल 370’ का जिक्र ही नहीं किया।

नेशनल असेंबली में नेता प्रतिपक्ष शहबाज शरीफ ने कहा कि बेशक हमें पड़ोसियों के साथ दोस्‍ताना रिश्ते रखने हैं, लेकिन आत्‍मसम्‍मान कायम रखते हुए।शरीफ ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा- क्‍या यह हमारी नाकामयाबी नहीं है कि हमें भारत के इरादों का पता तक नहीं चला? पाकिस्तान के सवाल पर हम एक हैं, लेकिन इस एकता के लिए आत्‍ममंथन भी जरूरी है।

हमारे पास दो विकल्प हैं- या तो दुबक जाएं या निर्णायक जवाब दें। दुबकना विकल्प नहीं हो सकता। हमें निर्णायक कार्रवाई करनी चाहिए। हमारे पक्ष में कोई मुल्‍क खड़ा नहीं हुआ। चीन भी नहीं। क्‍या यह सरकार की विदेश नीति की नाकामयाबी नहीं है?

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विपक्ष के हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही स्‍थगित करनी पड़ी। इस बारे में पीएमएल-एन नेता अहसान इकबाल ने कहा- हमने भारी मन से विरोध किया, क्‍योंकि सरकार ने जो प्रस्‍ताव पेश किया उसमें उस कारण का जिक्र ही नहीं किया जिसके चलते सत्र बुलाया गया: भारत द्वारा आर्ट‍िकल 370 रद्द किया जाना। हालांकि बाद में जब इमरान खान संसद आए तो उन्‍होंने नीतिगत बयान दिया।  उन्‍होंने कहा कि देश की प्राथमिकता पड़ोसी मुल्कों से अच्छे संबंध बनाना है। यह देश कि आर्थिक स्थिति सुधारने में अहम भूमिका निभाएगा।
इमरान खान का बयान विस्तार से पढ़ें