अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ को लेकर बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने घोषणा की है कि वे पार्टनर देशों पर नई टैरिफ दरें लगाएंगे और उन्हें बताएंगे कि अमेरिका में व्यापार करने के लिए उन्हें क्या भुगतान करना होगा। द गार्जियन की एक रिपोर्ट के अनुसार संयुक्त अरब अमीरात में बिजनेस कम्युनिटी के लीडर्स के साथ एक बैठक के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि हमारे पास एक ही समय में 150 देश हैं जो सौदा करना चाहते हैं, लेकिन आप इतने सारे देशों से नहीं मिल पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जितने लोग हमसे मिलना चाहते हैं, उतने लोगों से मिलना संभव नहीं है।
पत्र भेजकर नए टैरिफ के बारे में बताएंगे ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि ट्रेजरी सेक्रेटरी और कॉमर्स सेक्रेटरी को कुछ देशों को पत्र द्वारा नए टैरिफ के बारे में सूचित करने का काम सौंपा जाएगा। उन्होंने कहा, “अगले दो या तीन हफ़्तों में एक निश्चित समय पर मुझे लगता है कि ट्रेजरी सेक्रेटरी और कॉमर्स सेक्रेटरी लोगों को पत्र भेजकर इसके बारे बताएंगे। यह बहुत उचित होगा। हम लोगों को बताएंगे कि वे अमेरिका में व्यापार करने के लिए क्या भुगतान करेंगे।”
यह कदम डोनाल्ड ट्रंप द्वारा 2 अप्रैल को लगाए गए टैरिफ के मद्देनजर उठाया गया है, जिसे ‘लिबरेशन डे’ कहा जाता है। इसके तहत अमेरिका के सभी व्यापारिक साझेदारों के सामानों पर टैरिफ लगाया गया था। तब से बॉन्ड मार्केट में भारी बिकवाली हुई। इसके अलावा बाजार में उतार-चढ़ाव के बाद व्हाइट हाउस को कुछ अधिक आक्रामक उपायों पर पीछे हटना पड़ा है। इसमें चीन के साथ टैरिफ वृद्धि में 90 दिनों का अस्थायी विराम, टैरिफ कम करने के लिए यूके के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौता और यूरोपीय संघ सहित कई पार्टनरों पर रेसिप्रोकल टैरिफ का निलंबन शामिल है।
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चीन के साथ हुए समझौते की ट्रंप ने की तारीफ
हालांकि सभी विदेशी आयातों पर 10 प्रतिशत का टैरिफ लागू है। इस हफ्ते चीन के साथ हुए समझौते की ट्रंप ने सराहना की। इस समझौते के तहत चीन ने अमेरिकी वस्तुओं पर अपने शुल्क को घटाकर 10 प्रतिशत करने पर सहमति जताई है। जबकि अमेरिका चीनी आयात पर अपने टैरिफ को 60 प्रतिशत से घटाकर 30 प्रतिशत करेगा।
भारत को लेकर क्या हाेगा रुख?
इस बीच ट्रंप प्रशासन ने भारत, दक्षिण कोरिया और जापान जैसे प्रमुख व्यापारिक साझेदारों को प्राथमिकता देने के अपने इरादे का संकेत दिया है। इसके लिए यूरोपीय संघ के साथ बातचीत भी चल रही है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल अमेरिकी व्यापार वार्ता के लिए भारत की टीम का नेतृत्व करेंगे।
पीयूष गोयल जाएंगे अमेरिका
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि केंद्रीय कॉमर्स मंत्री पीयूष गोयल के नेतृत्व में व्यापार प्रतिनिधिमंडल अगले हफ्ते अंतरिम व्यापार समझौते की वार्ता के लिए अमेरिका का दौरा करने वाला है। अधिकारी ने भारत पर अमेरिका-चीन समझौते के प्रभाव के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा, “इस समझौते से केवल तनाव में कमी आई है। लेकिन चीन पर पर्याप्त टैरिफ बने हुए हैं। भारत अपनी क्षमता पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।”
भारत द्वारा हाल ही में WTO में स्टील और एल्युमीनियम पर 25 प्रतिशत अमेरिकी शुल्क के विरुद्ध जवाबी शुल्क लगाने के प्रस्ताव पर अधिकारी ने कहा कि भारत का उद्देश्य अमेरिका के साथ बातचीत जारी रहने के बावजूद जवाबी कार्रवाई करने का अधिकार सुरक्षित रखना है। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि भारत को जवाबी कार्रवाई करने के अपने अधिकार को बनाए रखने के लिए अमेरिकी शुल्क के 90 दिनों के भीतर WTO से संपर्क करना होगा।