Russia-Ukraine War News: भारत-चीन जैसे देशों के रूस से तेल खरीदने को लेकर अमेरिका ने G7 देशों से बड़ी अपील की है। अमेरिका की तरफ से कहा गया कि भारत चीन जैसे देशों पर दबाव बनाया जाए। इसको लेकर अमेरिकी वित्त विभाग क ने एक संयुक्त बयान जारी किया है और कहा कि वे रूस के तेल खरीददारों के खिलाफ दबाव बनाने के अपनी नीति को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेन्ट और अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जेमिसन ग्रीर ने इस मामले में एक संयुक्त बयान जारी कर जी-7 के वित्त मंत्रियों को कहा कि केवल एक एकीकृत प्रयास से हम रूस द्वारा यूक्रेन पर किए जा रहे हमलों और हत्याओं को रोकने में सक्षम हो सकते हैं, क्योंकि चीन और भारत जैसे देश रूस को वित्तीय फायदा पहुंचा रहे हैं।

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भारत पर लगाया है अमेरिका ने 50 प्रतिशत टैरिफ

भारत और चीन पर दबाव बढ़ाने का अमेरिका का आह्वान ऐसे समय में आया है, जब कुछ सप्ताह पहले ही वाशिंगटन ने भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ को नाटकीय ढंग से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया था। खास बात यह भी है कि भारत पर लगाया गया टैरिफ चीन से भी अधिक है, जिस पर 30 प्रतिशत टैरिफ है। इसके चलते भारत में नौकरियों मे नुकसान होने की संभावना बढ़ गई है और व्यापार समझौते के लिए बातचीत जटिल हो गई है।

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G7 देशों के एक्शन को लेकर जताई उम्मीद

बेसेंट और ग्रीर ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप के साहसिक नेतृत्व की बदौलत संयुक्त राज्य अमेरिका पहले ही रूसी तेल खरीदारों के खिलाफ कार्रवाई कर चुका है। हम अपने साथी जी-7 देशों के इस आश्वासन से उत्साहित हैं कि वे इस युद्ध को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और हमें उम्मीद है कि वे इस महत्वपूर्ण समय में निर्णायक कार्रवाई करने में हमारे साथ शामिल होंगे।

बता दें कि G7 देशों का एक अनौपचारिक समूह है, जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और ब्रिटेन शामिल हैं। शुक्रवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फॉक्स न्यूज के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि रूसी तेल खरीदने के लिए भारत पर टैरिफ लगाना कोई आसान निर्णय नहीं था और इससे नई दिल्ली के साथ दरार पैदा हो गई है।

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ट्रंप ने बताया था मुश्किल फैसला

बता दें कि बीते दिन ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि भारत उनका सबसे बड़ा ग्राहक था। मैंने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया क्योंकि वे रूस से तेल खरीद रहे हैं। ऐसा करना आसान नहीं है। यह एक बड़ी बात है, और इससे भारत के साथ मतभेद पैदा होते हैं। लेकिन मैं यह पहले ही कर चुका हूं। मैंने बहुत कुछ किया है। और याद रखिए कि यह हमारी समस्या से कहीं ज़्यादा एक यूरोपीय समस्या है।

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भारत खरीदता रहेगा रूस से तेल

अमेरिका भले ही रूस से तेल खरीदने को लेकर भारत पर दबाव बनाने की नीति पर काम कर रहा हो लेकिन भारत ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि वह रूस से तेल खरीदना जारी ही रखेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि आर्थिक और व्यावसायिक दृष्टिकोण भारत की तेल खरीद को प्रभावित करते हैं।

वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि ट्रंप प्रशासन द्वारा भारतीय वस्तुओं पर लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ का प्रभाव हाल ही में घोषित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) सुधारों से कुछ हद तक कम हो जाएगा, जिसमें कई वस्तुओं पर अप्रत्यक्ष कर दरों में सरलीकरण और कमी शामिल है।

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