अमेरिका में 5 नवंबर 2024 को राष्ट्रपति चुनाव होने हैं। रिपब्लिकन पार्टी ने जहां पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को उम्मीदवार बनाया है, वहीं डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से कमला हैरिस उम्मीदवार हैं। चुनाव की तैयारियों के बीच कमला और ट्रंप एक टीवी डिबेट में आमने-सामने होंगे।
कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप मंगलवार को (भारत में बुधवार सुबह 6.30 बजे) चुनाव से पहले अपनी पहली और शायद एकमात्र टीवी डिबेट में एक-दूसरे के सामने होंगे। लेटेस्ट प्री-पोल से संकेत मिलता है कि अमेरिका के अगले राष्ट्रपति बनने की दौड़ में दोनों एक-दूसरे को कड़ी टक्कर दे रहे हैं।
द न्यूयॉर्क टाइम्स/सिएना कॉलेज के एक लेटेस्ट सर्वे के परिणाम रविवार को प्रकाशित हुए। इसमें पाया गया कि ट्रंप राष्ट्रीय स्तर पर हैरिस से 48% से 47% आगे हैं, जो कि सर्वे के 2.8% अंक की त्रुटि के मार्जिन के भीतर है। जो बाइडेन के राष्ट्रपति पद की दौड़ से बाहर होने के ठीक बाद, जुलाई के अंत से टाइम्स/सिएना सर्वे के परिणाम काफी हद तक अपरिवर्तित हैं। हालांकि, उस समय के अन्य सर्वे में ट्रंप को थोड़ा लड़खड़ाते हुए दिखाया गया था क्योंकि हैरिस की चुनावी लड़ाई में एंट्री से डेमोक्रेट्स के बीच उत्साह बढ़ गया था।
टीवी डिबेट में हैरिस और ट्रंप आमने-सामने
कई विशेषज्ञों का मानना है कि मंगलवार की बहस से हैरिस को फायदा भी होगा और नुकसान भी। टाइम्स/सिएना सर्वे में, कम से कम 28% संभावित मतदाताओं ने कहा कि उन्हें हैरिस के बारे में और अधिक जानने की ज़रूरत है जबकि 9% ने कहा कि उन्हें ट्रंप के बारे में और अधिक जानने की ज़रूरत है।
कमला हैरिस का चुनावी अभियान अब तक अपनी नीतियों के बारे में बहुत विशिष्ट होने से बचता रहा है। मंगलवार को हैरिस को सही मौका मिलेगा कि वह ट्रंप के साथ खुद को परिभाषित कर सकें और अपने प्रतिद्वंद्वी पर बढ़त हासिल कर सकें। उन्हें ऐसा इस तरह करना होगा कि ट्रंप को उन पर हमला करने के लिए और अधिक मौका न मिले।
बाइडेन और ट्रंप भी थे डिबेट में आमने-सामने
27 जून 2024 को इस सीज़न की पहली टेलीविज़न बहस में ट्रंप और बाइडेन आमने-सामने थे 81 वर्षीय बाइडेन बहस के दौरान लड़खड़ाते हे, जिससे देश के सर्वोच्च पद पर बने रहने की उनकी मानसिक और शारीरिक क्षमता पर सवाल खड़े हो गए। एक महीने से भी कम समय के बाद जो बाइडेन रेस से बाहर हो गए, क्योंकि डेमोक्रेटिक पार्टी के भीतर उनके लिए समर्थन खत्म हो गया था।
हैरिस को इससे दो महत्वपूर्ण सबक लेने होंगे। सबसे पहले हैरिस किस बारे में बात करती हैं, वह ट्रंप के खिलाफ कैसे बोलती हैं और प्रतिक्रिया देती हैं, यह भी उतना ही महत्वपूर्ण होगा। दूसरा, हैरिस को ट्रंप की कमजोरियों का भी फायदा उठाना होगा।
डोनाल्ड ट्रंप को डिबेट के दौरान अपना लेवल बढ़ाना पड़ेगा
यही कारण है कि डोनाल्ड ट्रंप को भी डिबेट के दौरान अपना लेवल बढ़ाना पड़ेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि बाइडेन के खिलाफ डिबेट के दौरान ट्रंप ने भी अच्छा प्रदर्शन नहीं किया था और एक बेहतर प्रतिद्वंद्वी इसका फायदा उठा सकता है। ट्रंप उस डिबेट के दौरान बड़बड़ा रहे थे और एक-दूसरे पर निशाना साध रहे थे, मज़ाक कर रहे थे और असभ्य थे और ऐसे बोल रहे थे जैसे वह एक-पर-एक राष्ट्रपति पद की बहस में बोलने की तुलना में अपने कट्टर समर्थकों की एक रैली को संबोधित कर रहे हों।
कमला हैरिस को ट्रंप की इन कमजोरियों का बेहतर फायदा उठाने में सक्षम होना होगा। इसके अलावा ट्रंप अगर अपने विरोधियों को धमकाने की कोशिश करें और उचित तरीके से जवाब दिया जाए तो इसका उल्टा असर पड़ सकता है।
इन मुद्दों पर होगी चर्चा
एबीसी न्यूज द्वारा आयोजित बहस में अर्थव्यवस्था और इमिग्रेशन से लेकर प्रजनन अधिकार और विदेश नीति तक अमेरिकी मतदाताओं से संबंधित कई मुद्दों को शामिल किया जाएगा। जबकि मॉडरेटर यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी एक मुद्दे को ज्यादा फोकस न मिले, फिर भी हैरिस और ट्रंप दोनों उन मुद्दों पर स्पॉटलाइट लेने की कोशिश करेंगे जिन पर वे बेहतर करते हैं।
हैरिस और डेमोक्रेट्स के लिए यह गर्भपात और प्रजनन अधिकार का मुद्दा होगा। न केवल ट्रंप ने इस मुद्दे पर ढुलमुल रुख अपनाया है अक्सर विरोधाभासी रुख व्यक्त किया है। सर्वे से संकेत मिलता है कि महिलाएं गर्भपात कराने के अपने अधिकार के बारे में काफी परवाह करती हैं। हैरिस के लिए ये मुद्दे मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए महत्वपूर्ण होंगे, विशेषकर वे वोटर्स जो परंपरागत रूप से रिपब्लिकन पार्टी को वोट देते रहे हैं।
दूसरी ओर, ट्रंप माइग्रेशन और जो बाइडेन के दौरान अमेरिकी अर्थव्यवस्था की स्थिति पर चर्चा कर सकते हैं। यह पहले भी अमेरिकी मतदाताओं के लिए टॉप मुद्दा बना हुआ है। ऐसे में डिबेट के बाद जो कोई भी अपने पसंदीदा मुद्दे को बहस का सबसे यादगार हिस्सा बनाने में सक्षम होगा, उसके टॉप पर पहुंचने की संभावना है।