अमेरिका में भारतीय मूल के लोगों के बढ़ते वर्चस्व की एक और बानगी देखने को मिली है। दरअसल अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक दोनों ही पार्टियां भारतीय मूल के लोगों को लुभाने में जुटी हैं। अब इस मामले में डेमोक्रेटिक पार्टी ने एक कदम आगे बढ़ते हुए भारत की 14 भाषाओं में चुनाव प्रचार करने का फैसला किया है। इन 14 भाषाओं में हिंदी, पंजाबी, तमिल, तेलगु, बंगाली, उर्दू, कन्नड़, मलयाली, उड़िया, मराठी और नेपाली शामिल हैं।

यही वजह है कि आजकल अमेरिकी चुनाव के प्रचार में ‘अमेरिका का नेता कैसा हो, जो बिडेन जैसा हो’ अक्सर सुनने को मिल जाता है। बता दें कि भारत में होने वाले चुनाव में यह नारा काफी लोकप्रिय है। अमेरिका में पिछले राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी ने भी ऐसा ही प्रयोग किया था, जिसका उसे फायदा भी खूब मिला था। उस वक्त रिपब्लिकन पार्टी ने भारतीय मूल के मतदाताओं को लुभाने के लिए ‘अबकी बार ट्रंप सरकार’ जैसा नारा भी दिया था, जो कि ‘अबकी बार मोदी सरकार’ से प्रेरित था।

अमेरिकी राष्ट्रपति पद के दावेदार जो बिडेन के नेशनल फाइनेंस कमेटी के सदस्य अजय भुतोरिया बताते हैं कि भारतीय मूल के मतदाताओं को लुभाने के लिए भारतीय भाषाओं में ही चुनाव प्रचार करने की योजना बनायी गई है। इसके लिए बिडेन की टीम ने एशियन अमेरिकन एंड पैसिफिक आइलैंडर (AAPI) टीम के साथ साझेदारी की है।

बता दें कि अमेरिका में राष्ट्रपति पद का चुनाव 3 नवंबर को होना है। इस चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से पूर्व उपराष्ट्रपति जो बिडेन मैदान में हैं। भारतीय मतदाताओं को लुभाने के लिए बिडेन की टीम द्वारा चुनाव प्रचार के ग्राफिक्स भी भारतीय भाषाओं में तैयार किए गए हैं।

बता दें कि हालिया सर्वे में जो बिडेन ने डोनाल्ड ट्रंप पर बढ़त ले ली है। दरअसल हिल न्यूज के हावर्ड कैप्स-हैरिस सर्वे के अनुसार, 55 फीसदी अमेरिकी जो बिडेन का समर्थन कर रहे हैं, वहीं डोनाल्ड ट्रंप के समर्थन में 45 फीसदी मतदाता हैं। वहीं प्रेसिडेंशियल डिबेट की तारीखों का भी ऐलान हो गया है। जिसके तहत 29 सितंबर को दोनों नेताओं के बीच ओहियो के क्लीवलैंड में पहली बहस होगी। वहीं 15 अक्टूबर को दूसरी बहस फ्लोरिडा के मियामी में होगी और तीसरी बहस 22 अक्टूबर को टेनेसी में होगी।