चाइना इन दिनों तेजी से दुनियाभर में अपने पांव पसार रहा है, जिसके चलते अमेरिका के सुपर पॉवर के ओहदे को खतरा पैदा हो गया है। खासकर एशिया में चीन ने जिस तरह से विभिन्न देशों में निवेश किया है, उसे देखते हुए अमेरिका की चिंता बढ़ना लाजमी है। अब अमेरिका ने भी चीन को काउंटर करने के लिए एक नया कानून बनाया है। अमेरिका ने हिंद महासागर और प्रशांत महासागर के इलाकों में चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए एक कानून बनाया है। इस कानून को Asia Reassurance Initiative Act (ARIA) का नाम दिया गया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 31 दिसंबर को इस विधेयक पर हस्ताक्षर किए हैं। इस कानून के तहत अमेरिका ने इस क्षेत्र में भारत को अपना अहम साझेदार बनाया है, जिसके तहत दोनों देश के बीच रणनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा संबंध और ज्यादा मजबूत किए जाएंगे।

अमेरिका ने ARIA कानून के तहत अगले 5 सालों के लिए 1.5 बिलियन डॉलर का बजट बनाया है। अमेरिका इस रकम को भारत समेत हिंद और प्रशांत महासागर के अपने सहयोगी देशों के साथ रणनीतिक और सुरक्षा संबंधों को मजबूत करने में खर्च करेगा। अमेरिका के इस नए कानून में बताया गया है कि किस तरह से चीन ‘दक्षिणी चीन सागर’ में पड़ोसी देशों के विरोध के बावजूद अवैध रुप से निर्माण कार्य कर रहा है और वहां अपनी सेना की तैनाती कर रहा है। चीन के साथ ही अमेरिका इस कानून की बदौलत दक्षिणी एशिया में खूंखार आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट को भी रोकना चाहता है। अमेरिका के इस नए कानून में भारत को खास तवज्जो दी गई है। इससे पहले भारत और अमेरिका के बीच हुए समझौतों के साथ ही यह नया कानून दोनों देशों के बीच व्यापार, रक्षा खरीद और आर्थिक नीतियों को नई गति देगा।

नए कानून के तहत अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, भारत और जापान साथ मिलकर सुरक्षा की दिशा में काम करेंगे। बता दें कि यह कानून अमेरिकी सीनेटर कॉरी गारडनर ने यूएस सीनेट में पेश किया। जहां से इसे 4 दिसंबर को मंजूरी मिल गई। इसके बाद इसे अमेरिकी कांग्रेस में भेजा गया, जहां से 12 दिसंबर को यह बिल पास हो गया। 31 दिसंबर को राष्ट्रपति ट्रंप ने इस पर हस्ताक्षर कर इस बिल को कानून की शक्ल दे दी। बता दें कि चीन दक्षिणी चीन सागर पर अपना प्रभुत्व जमाने के बाद अब हिंद महासागर में भी अपना प्रभाव बढ़ाना चाहता है। जिससे भारत की चिंता बढ़ना स्वभाविक है। अब अमेरिका के नए कानून से भारत को भी फायदा मिलेगा और हम चीन की आक्रामक रणनीति का जवाब देने की स्थिति में होंगे।