बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद अब पिछली सरकारों के फैसलों को धीरे-धीरे बदला जा रहा है। अगस्त में शेख हसीना के तख्ता पलट के बाद उन्होंने देश छोड़ दिया था। वह भारत आ गई थीं। इसके बाद से बांग्लादेश की सत्ता नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस ने संभाली है। उन्होंने पिछली सरकार के कई फैसलों को बदल दिया है। अब उन्होंने बांग्लादेश में मुक्ति संग्राम और उसके नायक मुजीबुर रहमान से जुड़े दिनों पर होने वाली छुट्टियों को रद्द कर दिया गया है।

इन 8 छुट्टियों को किया रद्द

बांग्लादेश नें यूनुस सरकार ने 8 राष्ट्रीय अवकाशों को रद्द कर दिया है। इनमें 7 मार्च और 15 अगस्त की छुट्टी भी शामिल है। इस दोनों तारीखों को मुक्ति संग्राम से जोड़ा जाता है। इन छुट्टियों को रद्द करने का फैसला कैबिनेट बैठक में लिया गया। इसके बाद नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया। यूनुस के इस फैसले का विरोध भी शुरू हो गया है। अवामी लीग ने इस फैसले की निंदा करते हुए कहा कि सरकार मुक्ति संग्राम के इतिहास को मिटाना चाहती है।

बांग्लादेश में अंतरिम सरकार बनने के बाद से उसका झुकाव पाकिस्तान की ओर देखा जा रहा है। बांग्ला भाषियों के साथ अत्याचार के कारण ही पाकिस्तान से अलग होकर बांग्लादेश अलग देश बना था। इसके लिए एक आंदोलन चलाया गया जिसे मुक्ति आंदोलन कहा गया। इस आंदोलन में भारत ने काफी मदद की थी।

शेख मुजीब नहीं जिन्ना का जन्मदिन

अवामी लीग ने फैसले की आलोचना करते हुए का, ‘सरकार शेख मुजीब को राष्ट्रपति के रूप में मान्यता नहीं देती है। इसके बजाय अब यह पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना का जन्मदिन मनाता है। बांग्लादेश में सोशल मीडिया पर अंतरिम सरकार में सलाहकार नाहिद इस्लाम की टिप्पणियों पर नाराजगी व्यक्त की, जिसमें उन्होंने कहा कि अंतरिम सरकार शेख मुजीबुर रहमान को राष्ट्रपिता के रूप में मान्यता नहीं देती है। इस्लाम ने कहा, ‘हमारा इतिहास 1952 में शुरू नहीं हआ। हमारे पास 1947 में ब्रिटिश विरोधी संघर्ष है। फिर 1971, 1990 और अब 2024 में। हमारे पास कई फादर ऑफ नेशन हैं और हमारी स्वतंत्रता उनके सामूहिक संघर्षों से आई है।

इनपुट-एंजेंसी