दिल्ली में वायु गुणवत्ता में मंगलवार को थोड़ा सुधार देखा गया लेकिन AQI बहुत खराब श्रेणी में बना रहा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, मंगलवार शाम चार बजे दिल्ली का 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 354 रहा। दिल्ली में 39 निगरानी केंद्रों में से केवल मुंडका केंद्र में ही एक्यूआई 407 रहा जो, ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है जबकि 35 केंद्रों में वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ और तीन केंद्रों में ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई। इस बीच चीन ने वायु प्रदूषण से निपटने में दिल्ली की मदद करने की पेशकश की है।

चीन ने सोशल मीडिया पर एक सीरिज जारी करने की पेशकश की है जिसमें बताया जाएगा कि बीजिंग वायु प्रदूषण से कैसे निपटा। भारत में चीनी दूतावास की प्रवक्ता यू जिंग ने X पर बीजिंग और नई दिल्ली की वायु गुणवत्ता की तुलना करते हुए तस्वीरें साझा कीं । जिंग ने कहा कि वायु प्रदूषण से निपटना एक जटिल चुनौती है लेकिन चीन ने पिछले एक दशक में निरंतर प्रयासों से उल्लेखनीय सुधार हासिल किए हैं।

चीन और भारत शहरीकरण के बीच वायु प्रदूषण की समस्या से जूझ रहे

एक्स पर एक पोस्ट में जिंग ने कहा, “चीन और भारत दोनों ही तेजी से हो रहे शहरीकरण के बीच वायु प्रदूषण की समस्या से जूझ रहे हैं। हालांकि, यह चुनौती जटिल बनी हुई है लेकिन पिछले एक दशक में चीन के निरंतर प्रयासों से उल्लेखनीय सुधार देखने को मिले हैं।” चीनी प्रवक्ता ने आगे कहा कि सोशल मीडिया पर एक नई श्रृंखला शुरू हो रही है जो वायु प्रदूषण से निपटने और बीजिंग द्वारा वायु प्रदूषण से निपटने के तरीकों पर केंद्रित होगी।

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X पर ‘बीजिंग ने वायु प्रदूषण से कैसे निपटा’ शीर्षक से एक पोस्ट में, जिंग ने कुछ ऐसे कदम बताए हैं जिनमें विस्तार से बताया गया है कि चीन ने बढ़ते वायु प्रदूषण को कैसे नियंत्रित किया. उन्होंने लिखा, “स्वच्छ हवा रातोंरात नहीं मिलती लेकिन यह संभव है।” चीनी प्रवक्ता के पोस्ट में वायु प्रदूषण से निपटने के पहले चरण के रूप में वाहन उत्सर्जन नियंत्रण का उल्लेख किया गया है। जिंग ने वाहनों से होने वाले उत्सर्जन के संबंध में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए बीजिंग द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों को रेखांकित किया है। इन उपायों में हैं-

  • चीन 6एनआई (यूरो 6 के बराबर) जैसे अत्यंत सख्त नियम अपनाएं।
  • पुराने, उच्च उत्सर्जन वाले वाहनों को चरणबद्ध तरीके से सेवा से हटाना
  • लाइसेंस प्लेट लॉटरी और विषम-सम/कार्यदिवस ड्राइविंग नियमों के माध्यम से कारों की संख्या में वृद्धि पर अंकुश लगाएं।
  • दुनिया के सबसे बड़े मेट्रो और बस नेटवर्क में से एक का निर्माण करें।
  • इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की ओर बदलाव को गति दें
  • उत्सर्जन में समन्वित कटौती के लिए बीजिंग-तियानजिन-हेबेई क्षेत्र के साथ मिलकर काम करें।

दिल्ली में BS- VI वाहनों की एंट्री बंद

इस बीच दिल्ली सरकार ने घोषणा की है कि गुरुवार से दिल्ली के बाहर रजिस्टर्ड गैर-बीएस VI (non-BS VI) निजी वाहनों को राजधानी में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। दिल्ली में ट्रकों और बसों जैसे गैर-बीएस VI कमर्शियल वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध पहले से ही लागू है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने मंगलवार को कहा कि प्रवेश प्रतिबंध का उल्लंघन करने वाले निजी वाहनों को जब्त कर लिया जाएगा। सिरसा ने यह भी घोषणा की कि गुरुवार से राजधानी के पेट्रोल पंपों पर उन वाहनों को ईंधन नहीं बेचा जाएगा जिनके पास वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र (PUCC) नहीं है। पढ़ें- दिल्ली में कल से BS- VI वाहनों की एंट्री बंद