अमेरिका के लिए यह गहरा झटका है। प्रेजीडेंट जो बाइडन को रेटिंग एजेंसी की रिपोर्ट रास नहीं आने वाली है। हो भी क्यों ना, बीते 12 साल में महाशक्ति की रेटिंग फिर से एक बार अर्श से फर्श पर आई है। अमेरिकी रेटिंग गिरकर AA प्लस तक जा पहुंची है। इससे पहले Standard & Poor’s रेटिंग एजेंसी ने भी अमेरिका की साख को प्रभावित कने वाली रिपोर्ट दी थी। तब भी अमेरिका की रेटिंग ट्रिपल A से घटाकर नीचे की गई थी।
फिच रेटिंग्स ने अमेरिका सरकार की क्रेडिट रेटिंग को घटा दिया है। 2011 के बाद यह पहला मौका है जबकि अमेरिका की रेटिंग घटाई गई है। रेटिंग एजेंसी ने संघीय, राज्य और स्थानीय स्तर पर बढ़ते कर्ज और पिछले दो दशक में कामकाज के संचालन के मानकों में लगातार गिरावट का हवाला देते हुए यह कदम उठाया है।
बढ़ते जा रहा कर्ज की वजह से महाशक्ति को लगा झटका
फिच ने अमेरिका सरकार की रेटिंग को एक पायदान घटाकर ट्रिपल AAA से AA प्लस कर दिया है। फिच ने कहा कि यह इस स्तर पर सबसे ऊंची संभावित रेटिंग है। फिच का यह कदम दर्शाता है कि बढ़ते खर्च और करों की वजह से महाशक्ति को इस पायदान पर पहुंचना पड़ रहा है। राजनीतिक उठापटक भी इसके लिए खासी जिम्मेदार है। इसका खामियाजा भी अमेरिका को भुगतना पड़ रहा है।
क्रेडिट रेटिंग में कमी अमेरिका सरकार के लिए कर्ज की लागत बढ़ा सकती है। अमेरिका के इतिहास में यह दूसरा मौका है जबकि जबकि उसकी साख घटाई गई है। इससे पहले 2011 में रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पूअर्स ने सरकार की ऋण सीमा पर चले लंबे गतिरोध के बाद उसकी एएए रेटिंग को घटा दिया था।
फिच ने मई में ही संभावना जताई थी कि अमेरिका की रेटिंग इस बार नीचे जा सकती है। हालांकि कुछ स्तरों पर सुधार के बाद में जून माह में रेटिंग को नहीं छेड़ा गया था। तब एजेंसी ने कहा था कि वो तीसरे क्वार्टर की रिपोर्ट को देखने के बाद ही अपनी अंतिम रिपोर्ट तैयार करेगी।