तालिबान के हमले के बीच अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने टेलीविजन के माध्यम से राष्ट्र को संबोधित किया है। अशरफ गनी ने शनिवार को कहा कि देश अस्थिरता के गंभीर खतरे में है।
अपने संबोधन के समय उन्होंने कहा कि वह पिछले 20 वर्षों की “उपलब्धियों” को नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि वो देश की स्थिति पर स्थानीय नेताओं और अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के साथ विचार-विमर्श कर रहे हैं, ताकि आगे अस्थिरता, युद्ध विनाश और हत्या को रोका जा सके। अफगान राष्ट्रपति ने कहा कि एक राष्ट्र प्रमुख के तौर पर उनकी प्राथमिकता हिंसा रोकना, अस्थिरता को भविष्य के लिए रोकना है। उन्होंने यह भी कहा कि सशस्त्र बलों को दोबारा संगठति करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
हाल के दिनों में तालिबान द्वारा प्रमुख क्षेत्रों पर कब्जा जमाए जाने के बाद से यह उनकी पहली सार्वजनिक टिप्पणी है। इससे पहले ये आशंका जताई जा रही था कि गनी अपने इस्तीफे का ऐलान कर सकते हैं, लेकिन अपने संबोधन के दौरान उन्होंने ये जरा भी महसूस नहीं होने दिया कि वो इस्तीफे के बार में सोच भी रहे हैं। गनी की अंतिम सार्वजनिक उपस्थिति बुधवार को उत्तरी शहर मजार-ए-शरीफ में थी, जहां विद्रोहियों ने शनिवार तड़के चौतरफा हमला किया।
इस बीच, तालिबान काबुल के और करीब आ चुका है। तालिबान लड़ाकों ने अफगानिस्तान की राजधानी के पास एक प्रमुख शहर पर कब्जा कर लिया, यहां से अमेरिकी सैनिकों ने दूतावास कर्मियों और अन्य नागरिकों को निकालने में मदद करने के लिए एक उड़ान भी भरी थी।
एक स्थानीय प्रांतीय परिषद के सदस्य ने कहा कि तेजी से आगे बढ़ते हुए, विद्रोहियों ने काबुल और लोगार प्रांत की राजधानी से लगभग 70 किमी (40 मील) दूर पुल-ए-आलम पर कब्जा कर लिया। इस दौरान तालिबान को ज्यादा प्रतिरोध का सामना नहीं करना पड़ा।
अबतक तालिबान ने उत्तरी, पश्चिमी और दक्षिणी अफगानिस्तान के अधिकांश हिस्से पर कब्जा कर लिया है, और अब वे राजधानी काबुल से सिर्फ 11 किलोमीटर दक्षिण में सरकारी बलों से जंग कर रहे हैं। अमेरिका के सैनिकों को आफगानिस्तान से वापस बुला लेने के बाद तीन सप्ताह से भी कम समय में विद्रोहियों ने उत्तरी, पश्चिमी और दक्षिणी अफगानिस्तान के अधिकांश हिस्से पर कब्जा कर लिया है।

