Afghanistan Earthquake Latest News in Hindi: अफगानिस्तान में भूकंंप की वजह से मरने वालों की संख्या बढ़कर 800 हो गई है जबकि करीब 2500 लोग घायल बताए जा रहे हैं। अफगानिस्तान में तालिबान की अंतरिम सरकार के गृह मंत्रालय ने यह जानकारी दी है। रविवार – सोमवार की आधी रात पूर्वी अफगानिस्तान में आए भूकंप की वजह से अफगानिस्तान के कुनर प्रांत में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है।
अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वे के अनुसार, भूकंप की तीव्रता 6.0 थी और यह रात 11:47 बजे जलालाबाद शहर से 27 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में आया। इसकी गहराई सिर्फ 8 किलोमीटर थी, गहराई कम होने पर नुकसान ज्यादा होता है। कुनर आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, नूर गुल, सोकी, वाटपुर, मानोगी और चपदारा जिलों में भूकंंप ने भयानक तबाही मचाई है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने जताया दुख
अफगानिस्तान में हुए जान और माल के नुकसान पर पीएम नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है। उन्होंने X पर पोस्ट कर कहा कि अफगानिस्तान में आए भूकंप में हुई जान-माल की हानि से अत्यंत दुःखी हूं। इस कठिन घड़ी में हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं, और हम घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं। भारत प्रभावित लोगों को हर संभव मानवीय सहायता और राहत प्रदान करने के लिए तत्पर है।
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मेडिकल टीम ग्राउंड जीरो पर पहुंचीं
तालिबान सरकार के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मरने वालों की संख्या कम से कम 800 हो गई है और 2,500 से ज़्यादा घायल हुए हैं। उन्होंने बताया कि ज़्यादातर लोग कुनार में हताहत हुए हैं। जन स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता शराफत ज़मान ने बताया, “वहां बचाव अभियान अब भी जारी है और कई गांव पूरी तरह से तबाह हो गए हैं। मृतकों और घायलों के आंकड़े बदल रहे हैं। कुनर, नंगरहार और राजधानी काबुल से डॉक्टर्स की टीम इलाके में पहुंच गई है।”
जलालाबाद के नजदीक है कुनर
अफगानिस्तान के जिस प्रांत में भूकंप आया है, वह जलालाबाद शहर से पूर्व में कुछ दूरी पर शुरू होता है। जलालाबाद शहर पाकिस्तान के पास होने और सीमा पार व्यापार के लिए अफगानिस्तान का एक अहम शहर है। यहां लगभग 3 लाख लोग रहते हैं, लेकिन इसके आसपास का इलाका इससे भी बड़ा है।
शहर की ज्यादातर इमारतें सीमेंट और ईंट से बनी छोटी इमारतें हैं। बाहर के इलाकों में मिट्टी की ईंटों और लकड़ी के बने घर भी हैं, जिनकी हालत काफी खराब है। जलालाबाद में खेती-बाड़ी भी होती है, जिसमें संतरे और चावल प्रमुख हैं। इस शहर से काबुल नदी भी होकर गुजरती है।
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