अफगानिस्तान में 20 साल बाद अमेरिका की सैन्य मौजूदगी समाप्त होने के साथ तालिबान ने मुल्क के पूरी तरह से स्वतंत्र होने का ऐलान कर दिया। हालांकि, इस बीच वहां के कंधार से एक डराने और हैरान करने वाला वीडियो सामने आया, जिसमें चॉपर एक शख्स को लकटाते हुए ले जा रहा था। वैसे, वह शख्स कौन था और किस मकसद से उसे हेलीकॉप्टर ले जा रहा था? फिलहाल ये चीजें स्पष्ट नहीं हो पाई हैं।
इस्लामिक अमीरात अफगानिस्तान के “तालिब टाइम्स” के टि्वटर हैंडल से यह वीडियो शेयर करते हुए लिखा गया, “हमारी एयर फोर्स! इस समय इस्लामिक अमीरात की वायुसेना के हेलीकॉप्टर कंधार शहर के ऊपर उड़ान भर रहे हैं और वे पेट्रोलिंग कर रहे हैं।” मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह यूएच-60 ब्लैक हॉक चॉपर था।
तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने मंगलवार तड़के कहा, ‘‘सभी अमेरिकी सैनिक काबुल हवाईअड्डे से रवाना हो गए हैं और अब हमारा देश पूरी तरह स्वतंत्र है।’’ दरअसल, अमेरिका ने भी मंगलवार की समय-सीमा से पहले अपने सैनिकों की वापसी की पुष्टि की है, जिसके साथ ही, इस युद्धग्रस्त देश में करीब 20 साल की अमेरिकी सैन्य मौजूदगी समाप्त हो गई।
तालिबान के लड़ाकों ने अमेरिकी विमानों को सोमवार देर रात रवाना होते देखा और फिर हवा में गोलियां चलायी और अपनी जीत का जश्न मनाया। काबुल अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर तैनात तालिबान के एक लड़ाके हेमाद शेरजाद ने कहा, ‘‘आखिरी पांच विमान रवाना हो गए हैं और अब यह अभियान समाप्त हो गया है। अपनी खुशी बयां करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं है… हमारे 20 साल का बलिदान काम आया।’’
अमेरिका सेंट्रल कमान के जनरल फ्रैंक मैकेंजी ने भी वाशिंगटन में अभियान सम्पन्न होने की घोषणा की और बताया कि काबुल हवाईअड्डे से देर रात तीन बजकर 29 मिनट (ईस्टर्न टाइम ज़ोन) पर आखिरी विमानों ने उड़ान भरी। वहीं, अफगानिस्तान से अपने सभी सैनिकों को वापस बुलाने के कुछ घंटे बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने घोषणा की कि युद्धग्रस्त देश में अमेरिका की 20 साल पुरानी सैन्य मौजूदगी अब समाप्त हो गई है।
बाइडन बोले, ‘‘ अब, अफगानिस्तान में 20 साल पुरानी हमारी सैन्य मौजूदगी समाप्त हो गयी है।’’ उन्होंने आगे कहा, ‘‘अभी के लिये, मैं इतना ही बताना चाहूंगा कि योजना के अनुसार हमारे अभियान को सम्पन्न करने के लिए जमीनी स्तर पर मौजूद सभी ज्वाइंट चीफ तथा हमारे सभी कमांडर ने सर्वसम्मति से सिफारिश की थी। उनका विचार था कि हमारे सैन्य अभियान को पूर्ण करना हमारे सैनिकों के जीवन की रक्षा और आने वाले हफ्तों तथा महीनों में अफगानिस्तान छोड़ने को इच्छुक लोगों की संभावनाओं को सुदृढ़ करने का सबसे बेहतर तरीका है।’’
उधर, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अफगानिस्तान से सैन्य वापसी के तरीके को लेकर अमेरिकी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इतिहास में कभी भी सेना की वापसी के अभियान को इतनी बुरी तरह अंजाम नहीं दिया गया। अमेरिका पर 9/11 हमले के बाद अमेरिका ने अफगानिस्तान में अपनी सेना भेजी थी। अफगानिस्ताान से करीब 20 साल बाद अमेरिकी सेना की पूर्ण वापसी के बाद ट्रंप ने कहा, ‘‘ इतिहास में कभी भी सेना की वापसी का अभियान इतनी बुरी तरह नहीं चलाया गया, जिस तरह से बाइडन प्रशासन ने अफगानिस्तान में चलाया।’’
ट्रंप ने कहा, ‘‘इनके अलावा, सभी उपकरणों को तुरंत अमेरिका को वापस करने की मांग की जानी चाहिए क्योंकि उसके करीब 85 अरब डॉलर लगे हैं। अगर उन्हें वापस नहीं किया गया तो हमें जाहिर तौर पर सेना भेज उन्हें वापस लाना चाहिए या कम से कम उन पर बम गिराने चाहिए।’’ मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी बताया गया कि यूएस ने वहां से जाते-जाते डिफेंस सिस्टम और हथियार नष्ट कर दिए, ताकि तालिबानी उनका गलत इस्तेमाल न कर पाएं।