पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच लंबे समय से चल रहा सीमा विवाद एक बार फिर चर्चा में है। हाल के दिनों में यह विवाद और भी गहराता जा रहा है। हाल ही में पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के अंदर आतंकवादी ठिकानों पर हवाई हमले किए, जिसमें कई तालिबान लड़ाके मारे गए। इसके जवाब में तालिबान ने भी पाकिस्तान के कुछ इलाकों में हमले कर अपना बदला लिया था। इसके साथ ही अफगानिस्तान ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी भी दी थी।
पाकिस्तान के पीएम ने तालिबान को कुचल देने की बात कही थी
इस बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने तालिबान के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए बयान दिया कि जब तक तालिबान को कुचला नहीं जाएगा, पाकिस्तान आगे नहीं बढ़ सकता। यह भी कहा जा रहा है कि अफगानिस्तान के वखान कॉरिडोर पर पाकिस्तान कब्जा कर रहा है। इससे तालिबान और भड़का उठा है।
अफगान के उप विदेश मंत्री बोले- पाकिस्तान युद्ध लड़ने लायक नहीं
तालिबान के उप विदेश मंत्री शेर मोहम्मद अब्बास ने पाकिस्तान पर तीखा हमला बोला। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि पाकिस्तान इस समय गंभीर आर्थिक संकट और आंतरिक अस्थिरता से गुजर रहा है। ऐसे में वह वखान कॉरिडोर पर कब्जा करने या एक और युद्ध लड़ने की स्थिति में नहीं है।
यह भी पढ़ें… महात्मा गांधी को पाकिस्तान का राष्ट्रपिता बताना सिंगर अभिजीत भट्टाचार्य को पड़ा भारी, वकील ने भेजा लीगल नोटिस
अब्बास ने पाकिस्तान के इतिहास की ओर इशारा करते हुए कहा कि 1971 के भारत-पाक युद्ध में पाकिस्तान को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा था। 93,000 सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया था, जो आधुनिक इतिहास का सबसे बड़ा आत्मसमर्पण है। उन्होंने 1973 और 1989 में जलालाबाद और कुनार की लड़ाई में पाकिस्तान की हार का भी जिक्र किया।
तालिबान नेता ने कहा कि पाकिस्तान को अपनी सीमाओं के बाहर युद्ध लड़ने के बजाय अपने देश में हो रहे अत्याचारों पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने बलूच और पश्तून समुदायों पर हो रहे कथित अत्याचारों का मुद्दा उठाया। साथ ही वखान कॉरिडोर पर कब्जा करने की योजना को “मूर्खतापूर्ण ख्याल” बताया।
तालिबान ने साफ शब्दों में पाकिस्तान को चेतावनी दी कि अगर उसने अफगानिस्तान में घुसपैठ या किसी हिस्से पर कब्जा करने की कोशिश की, तो यह उसकी बड़ी गलती होगी। इससे पहले शहबाज शरीफ ने देश के राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व से एकजुट होने और बढ़ते सुरक्षा संकट का समाधान निकालने की अपील की थी।
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच यह विवाद न केवल क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा है, बल्कि दोनों देशों के रिश्तों को और खराब कर सकता है।