पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी और नाराज समर्थकों के सड़कों पर उतरकर हिंसा करने से देश में हालात काफी खराब हो गये हैं। समर्थक लगातार तोड़फोड़ और आगजनी कर रहे हैं। इमरान खान पर भ्रष्टाचार समेत कई तरह के मामलों में केस दर्ज हैं। एनएबी के एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया था कि इमरान को अल-कादिर ट्रस्ट मामले में गिरफ्तार किया गया है, जो पंजाब प्रांत के झेलम जिले के सोहावा क्षेत्र में 2019 में सूफीवाद के लिए अल-कादिर विश्वविद्यालय की स्थापना से संबंधित है।
अल-कादिर ट्रस्ट को 53 करोड़ रुपये की जमीन आवंटित का आरोप
इमरान के खिलाफ एक मई को जारी किए गए गिरफ्तारी वारंट में कहा गया है कि उन पर भ्रष्टाचार और भ्रष्ट आचरण का आरोप है। इस पूरे मामले में जिस शख्स की शिकायत पर इमरान खान पर कार्रवाई हो रही है, वह है 68 वर्षीय मलिक रियाज, जो देश के सबसे बड़े बिजनेसमैन हैं। आरोप है कि रियल एस्टेट डेवलपर बहरिया टाउन के मालिक मलिक रियाज ने पीटीआई अध्यक्ष इमरान खान एवं उनकी पत्नी बुशरा बीबी के स्वामित्व वाले अल-कादिर ट्रस्ट को 53 करोड़ रुपये की जमीन आवंटित की थी।
1980 के दशक में शुरू की गई बहरिया टाउन रियल एस्टेट डेवलपर कंपनी के मलिक रियाज (68) पाकिस्तान के अरबपति बिजनेसमैन हैं। देश के बड़े लोगों, खासकर वे जो सत्ता में हैं या वहां तक उनकी पहुंच हैं, से उनके अच्छे संबंध हैं। वह एशिया के सबसे बड़े रियल एस्टेट डेवलपर्स में शामिल हैं। जब उन्होंने अपना बिजनेस शुरू किया था, तब उनकी कोई पहचान नहीं थी।
छोटे कॉट्रैक्टर के रूप में अपना काम शुरू करने वाले मलिक रियाज आज न केवल अरबपति हैं, बल्कि दुनिया के कई देशों में उनका कारोबार फैल चुका है। उनके पास पाकिस्तान की मिलिट्री इंजिनियर सर्विसेज के भी कॉन्ट्रैक्ट्स हैं।
मलिक रियाज ने आरोप लगाया था कि इमरान खान और उनकी पत्नी ने गैर-कानूनी तरीके से उनकी करोड़ों की जमीन हड़प ली थी। इसका विरोध करने पर उन्हें डराया धमकाया। जेल भेजने की भी धमकी दी थी। इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी ही अल-कादिर ट्रस्ट के ट्रस्टी हैं। इसको लेकर नेशनल अकाउंटिबिलिटी ब्यूरो ने जांच के लिए एक दिसंबर 2022 को मलिक रियाज और अन्य लोगों से पूछताछ की थी।
फिलहाल पाकिस्तान में स्थितियां लगातार बिगड़ती जा रही हैं। इमरान खान की पार्टी पीटीआई नेतृत्व ने पार्टी अध्यक्ष की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की और बुधवार को देशव्यापी बंद का आह्वान किया। ‘द डॉन’ अखबार की खबर के मुताबिक, उन्होंने देशवासियों से पाकिस्तान में ‘बढ़ते फासीवाद’ के खिलाफ बड़े पैमाने पर सड़कों पर उतरने का आह्वान किया और अपने समर्थकों से कहा कि ‘करो या मरो’ की स्थिति आ चुकी है।