इस सदी का सबसे गर्म दिन, 21 जुलाई, यानी आज से  तीन दिन पहले गुज़र चुका है। रविवार का यह दिन 84 सालों में सबसे गर्म दिन था। ऐसी गर्मी पिछले साल 6 जुलाई को भी महसूस की गई थी। अब आप सोच रहे होंगे कि हमें तो बहुत कुछ बदला हुआ सा महसूस नहीं हुआ। लेकिन यह जानकारी कॉपरनिकल क्लाइमेट चेंज (C3S) सर्विस ने जारी की है। मीडिया रिपोर्ट्स में लिखा गया है कि रविवार को वैश्विक औसत तापमान 17.09 डिग्री सेल्सियस था।

अमेरिका में हीटवेव, जंगलों में आग

गर्मी से जुड़ी यह खबर, महज एक खबर नहीं बल्कि क्लाइमेट चेंज के बढ़ते प्रभाव को दिखाती है। यह नया रिकॉर्ड 84 सालों में अब तक के हर रिकॉर्ड को तोड़ चुका है। इसके बाद जुलाई के महीने में दुनिया के कई हिस्सों में भीषण गर्मी पड़ने की संभावना है, जिसकी वजह से यह रिकॉर्ड तोड़ने वाला दिन बना है।

दक्षिणी यूरोप, दक्षिण-पूर्व एशिया, उत्तरी अफ्रीका और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे क्षेत्रों हीटवेव जारी है और ग्रीस, कनाडा और अल्जीरिया में जंगल में आग लगने जैसी गंभीर मौसमी घटनाएं हुई हैं। संयुक्त राष्ट्र और अन्य एजेंसियां ​​स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही हैं।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि जलवायु परिवर्तन को कम करने के जरूरत है । एंटोनियो गुटेरेस ने बदलते मौसम को लेकर गंभीर चिंता जताई। बढ़ती गर्मी की वजह से दुनियाभर में आग लगने की घटनाएं सामने आ रही हैं। हालात बेहद खराब होते जा रहे हैं। जुलाई 2023 से पहले अगस्त 2016 में पृथ्वी का दैनिक औसत तापमान रिकॉर्ड 16.8 डिग्री सेल्सियस था। हालांकि, तीन जुलाई 2023 के बाद से 57 दिन ऐसे रहे हैं जब तापमान पिछले रिकॉर्ड से अधिक रहा है।

विश्लेषण से पता चलता है कि 2023 और 2024 में पिछले वर्षों की तुलना में वार्षिक अधिकतम दैनिक वैश्विक तापमान काफी अधिक रहा है। 2015 से 2024 तक 10 वर्ष उच्चतम दैनिक औसत तापमान वाले हैं।