बांग्लादेश में एक हिंदू शख्स की फेसबुक पोस्ट के खिलाफ विरोध कर रहे मुस्लिम प्रदर्शनकारियों पर पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी है। बताया जाता है कि इस घटना में चार लोगों की मौत हो गई और 50 अन्य लोग बुरी तरह घायल हो गए। रविवार (20 अक्टूबर, 2019) को प्रदर्शनकारी हिंदू शख्स की कथित ईश्वर निंदा पोस्ट के खिलाफ सड़कों पर विरोध-प्रदर्श कर रहे थे।
एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के मुताबिक राजधानी ढाका से करीब 116 किलोमीटर दूर पश्चिमी भोला जिले में रविवार सुबह दर्जनों की तादाद में मुस्लिम समुदाय के लोग ‘मुस्लिम तोहिद जनता’ के बैनर तले एक प्रदर्शन में शामिल होने के लिए इकट्ठा हुए। प्रदर्शनकारी सोशल मीडिया पोस्ट में पैगंबर मुहम्मद के अपमान का आरोप लगाते हुए हिंदू शख्स के खिलाफ कार्रवाई की मांग के लिए इस प्रदर्शन में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे थे।।
उल्लेखनीय है कि जिस शख्स पर पैगंबर का अपमान करने का आरोप लगाया गया है वह अभी पुलिस की सुरक्षा कस्टडी में हैं। शख्स ने कहा कि उसने ईश्वर निंदा से जुड़ी कोई पोस्ट नहीं की। उसका फेसबुक अकाउंट हैक कर लिया था। शख्स की शिकायत के चलते पुलिस ने तीन लोगों को कथित तौर पर हैकिंग के आरोप में हिरासत में भी लिया है।
विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक फेसबुक पोस्ट के वायरल होने के बाद शुक्रवार से शुरू हुए तनाव को टालने के लिए गांव के बुजुर्ग रविवार से स्थानीय अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे, मगर प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा अधिकारियों पर हमला कर दिया।
भोला जिले के पुलिस चीफ सरकार मुहम्मद कैसर ने कहा, ‘प्रदर्शनकारी शहर में तोड़फोड़ और पुलिस पर हमला करने की कोशिश कर रहे थे। इसपर अपनी सुरक्षा के लिए हमें जवाबी कार्रवाई के लिए मजबूर होना पड़ा। इस घटना में चार लोगों की मौत हो गई।’ बताया जाता है कि कुछ लोगों की हालत नाजुक होने के चलते मृतकों की संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है।
इसी बीच कैसर ने बताया कि चार बुहराउद्दीन क्षेत्र में हुए संघर्ष में कुछ पुलिसकर्मी भी बुरी तरह घायल हुए हैं, जो देश का सबसे बड़ा नदी तटवर्ती द्वीप है। किसी भी अप्रिय स्थिति को देखते हुए बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (BGB) के सुरक्षा बलों को भी इलाके में तैनात किया गया है।
जानना चाहिए कि इसी तरह की घटना साल 2016 में भी घटी थी जब मुस्लिम बहुल देश में प्रदर्शनकारियों ने हिंदू समुदाय के मंदिरों पर हमले किए दिए। यह घटना भी कथित ईशनिंदा फेसबुक पोस्ट के चलते हुए थी।
बता दें कि देश में कट्टर इस्लामिक संगठन सरकार से बंग्लादेश में सख्त इस्लामिक कानून लागू करने की मांग करते रहे हैं मगर सरकार लगातार इससे नकारती रही है।

