सेना की वर्दी पहने बंदूकधारियों द्वारा पिछले माह दक्षिण सूडान में संयुक्त राष्ट्र के एक नागरिक शरणार्थी शिविर को हमले के बाद आग के हवाले करने से कम से कम 25 व्यक्तियों की मौत हुई जबकि 120 लोग जख्मी हुए।

 दक्षिणी सूडान में उत्तरी-पूर्वी शहर मलाकल कस्बे में स्थित शिविर में दो दिन हुई गोलीबारी के करीब दो सप्ताह बाद संयुक्त राष्ट्र कार्यालय ने हताहतों की अद्यतन संख्या जारी की गयी है।
मानवीय मामलों के समन्वय के लिये संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (ओसीएचए) की रिपोर्ट में शरणार्थी नागरिकों की रक्षा में शांतिसैनिकों की विफलता का उल्लेख किया गया है।

इसमें कहा गया है दिसंबर 2013 के गृह युद्ध के बाद से शिविर में 47,000 से ज्यादा शरणार्थी रह रहे थे। संयुक्त राष्ट्र ने इस हमले को संभावित युद्ध अपराध करार दिया है।

ओसीएचए ने कहा, ‘युद्ध और गोलीबारी के दौरान शरणार्थियों के करीब 3,700 परिवारों की शरणस्थली को नष्ट अथवा क्षतिग्रस्त कर दिया गया। इसके साथ ही चिकित्सालय, पानी के टैंकर, पोषण केन्द्र और विद्यालयों को भी नष्ट कर दिया गया।’