दक्षिण-पश्चिम चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में शनिवार को आए भूकंप और इसके बाद आने वाले झटकों में मरने वालों की संख्या आज बढ़कर 25 हो गई है जबकि बचावकर्मियों द्वारा दूर दराज के क्षेत्र में मौजूद प्रभावित लोगों तक पहुंचने का सिलसिला जारी है। सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, इसके अलावा कुल 117 लोग घायल भी हुए हैं।
शनिवार को नेपाल में आए 7.9 तीव्रता के भूकंप से तिब्बत के कुछ हिस्से भी प्रभावित हुए। नेपाल से सटी दो सीमावर्ती चौकियां गंभीर रूप से प्रभावित हुई। भूकंप से तिब्बत का दक्षिण-पश्चिमी भाग (विशेष रूप से शिगेज सिटी) भी प्रभावित हुआ।
इस सिटी में 18 काउंटी एवं प्रांत हैं तथा यहां की जनसंख्या सात लाख से अधिक है। गिरोंग, न्यालम एवं तिंगरी काउंटी सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। इन तीन काउंटी में लगभग 80 प्रतिशत घर ढह गए हैं।
वहीं, नेपाल में भूकंप के कारण मरने की संख्या बढ़कर अब तक लगभग 4,000 हो गई है। मरने वालों में पांच भारतीय भी शामिल हैं, जबकि लगभग 7,000 अन्य लोग घायल हुए हैं। हिमालयी देश में पिछले 80 सालों में यह अब तक का सबसे भीषण भूकंप है।
मुख्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि जैसे-जैसे प्रभावितों तक पहुंच एवं संचार के साधन सामान्य होंगे, मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है। शिगेज सिटी के मेयर झांग होंगबो ने कहा, ‘‘हम झाम टाउन के बारे में सबसे ज्यादा चिंतित हैं। वहां पर बचाव कार्य विशेष रूप से कठिन है, क्योंकि कस्बे तक जाने वाली सड़क अवरुद्ध है।’’
झांग ने कहा कि झाम टाउन में शनिवार के भूकंप के बाद 20 से अधिक झटके आए हैं, जिसके कारण भूस्खलन एवं हिमस्खलन भी हुआ है। कस्बे में भोजन एवं बोतलबंद पानी की आपूर्ति की कमी हो गई है। खाद्य पदार्थो का भंडार सिर्फ इतना ही है कि वह तीन दिनों तक चल सके।
न्यालम काउंटी को झाम से जोड़ने वाला 37 किलोमीटर लंबा राजमार्ग कई भूस्खलनों के कारण अवरुद्ध है। बचावकर्मी अब भी ऊंचे पर्वतों से होकर गुजरने वाली एक महत्वपूर्ण सुरंग को साफ करने में लगे हुए हैं।