बहुत से लोग ऐसे होते हैं जिन्हें बैठे-बैठे उंगलियां चटकाने की आदत होती है। उंगलियां चटकाने के पीछे कई मनोवैज्ञानिक कारण होते हैं। कई लोगों को उंगलियां चटकाने में मजा आता है तो कुछ लोगों को ऐसा करने की आदत पड़ जाती है। जब लोग तनाव में या फिर किसी काम में व्यस्त होते हैं तो उंगलियां चटकाने लगते हैं। ऐसा बार-बार करने से यह एक आदत बन जाती है। घर के बड़े बुजुर्ग लोग ऐसा करना अच्छा नहीं मानते हैं क्योंकि वह इस आदत को कई धार्मिक कारणों से जोड़कर देखते हैं। यहां आप जानेंगे उंगलियां नहीं चटकाने को लेकर धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों ही कारण…

कई मान्यताओं के अनुसार उंगलियां चटकाना अशुभ माना गया है। क्योंकि लोग ऐसा मानते हैं कि इसके कारण धन की देवी लक्ष्मी नाराज हो जाती है जिसका मनुष्य की आर्थिक स्थिति पर बुरा प्रभाव देखने को मिलता है। लोग यह भी मानते हैं कि उंगलियां चटकाने से कुंडली में मौजूद नौ ग्रह खराब होते हैं जिससे उनका अशुभ फल प्राप्त होने लगता है। मान्यता यह भी है कि ऐसा करने से बरकत नहीं आती और व्यक्ति के जीवन में दुखों का वास बना रहता है।

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विज्ञान के अनुसार भी उंगली चटकाने की आदत अच्छी नहीं मानी गई है। क्योंकि इसका बुरा प्रभाव मनुष्य के स्वास्थ्य पर पड़ता है। उंगली को बार-बार चटकाने से व्यक्ति के हाथों की हड्डियां धीरे-धीरे कमजोर होने लगती है साथ ही हमेशा उसकी हड्डियों में दर्द रहता है। हड्डयों के कमजोर होने से चीजों को पकड़ने की क्षमता पर बुरा प्रभाव पड़ता है। उंगलियों की हड्डियों को चटकाने से गठिया रोग भी हो सकता है। मनुष्य के शरीर की हड्डियां लिगामेंट से एक दूसरे से जुड़ी रहती है। इन जोड़ो के बीच एक प्रकार का द्रव होता है। जो उंगलियों को चटकाने से धीरे धीरे कम होने लगता है। यह द्रव जोड़ो में हड्डियों को रगड़ खाने से रोकता है। बहुत से लोगों को इस बात की जानकारी नहीं होने के कारण वह अकसर उंगलियां चटकाते रहते हैं क्योंकि ऐसा करने से उन्हें आराम मिलता है।