हल्दी स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होती है। हल्दी कुंडली में बृहस्पति को मजबूत करती है। इसका उपयोग शनि, मंगल की बलाओं को दूर करने में भी किया जाता है। इसके उपयोग से कई तरह के फायदे होते हैं। आज हम हल्दी के रंगों के बारे में बात करेंगे और हल्दी के ज्योतिषी महत्व के बारे में आपको बताएंगे –

धार्मिक महत्व – हल्दी विशेष प्रकार की औषधि है जिसमें दैवीय गुण होते हैं। हिंदू धर्म में हल्दी का उपयोग शुभ और मंगलकारी कार्यों में किया जाता है। ज्योतिषी के मुताबिक हल्दी जीवन में संपन्नता लाती है। हल्दी विषरोषक होती हैं और नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करती है। इसका इस्तेमाल हवन और औषधियों में किया जाता है।

ज्योतिष महत्व – रंगों के आधार पर हल्दी का अलग-अलग ग्रहों से संबंध होता है। हल्दी तीन रंगों, पीले, नांरगी और काले रंग की होती है। कच्ची हल्दी का छिलका हटाने पर वह नांरगी रंग की दिखाई देती है और इस हल्दी का संबंध मंगल ग्रह से होता है। पीली हल्दी का संबंध देव गुरु बृहस्पति से होता है। काली हल्दी हल्की मटमैली होती है और इसका संबंध शनि ग्रह से होता है।ज्योतिष में बृहस्पति को मजबूत करने के लिए और बृहस्पति संबंधी समस्याओं के निवारण के लिए पीली हल्दी का इस्तेमाल होता है।

हल्दी के लाभ – भोजन में संतुलित मात्रा में इसका प्रयोग करने से व्यक्ति आरोग्यवान बनता है। महिलाएं अगर हल्दी मिले जल से सूर्य को अर्ध्य दें तो विवाह संबंधी बाधाएं दूर होती है। अधिक मात्रा में हल्दी खाने से लिवर संबंधी समस्याएं आ सकती है। अगर पेट या कैंसर संबंधी समस्या हो तो हल्दी का दान बेहद लाभकारी होता है। नियमित रूप से तिलक हल्दी का तिलक लगाने से व्यक्ति की वाणी को शक्ति मिलती है और सात्विकता बढ़ती है। हल्दी की माला से मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति बुद्धिमान बनता है।

बृहस्पति को मजबूत करना हो तो – हल्दी की साबूत गांठ लें। हल्दी को पीले धागे में बांधकर गले या हाथ में धारण करें। यह पीले पुखराज की तरह काम करता है इससे बृहस्पति मजबूत होता है। ध्यान रहें यह गुरुवार के दिन धारण करें।

विवाह कनेक्शन – बृहस्पति महिलाओं के विवाह का कारक होता है। शीघ्र विवाह हेतु महिलाएं स्नान करते वक्त जल में थोड़ी हल्दी मिलाएं। रोज सुबह जल में जल्दी मिलाकर सूर्य को अर्ध्य दें। जल अर्पित करने के बाद लोटे के किनारे पर लगी हल्दी से माथे या कंठ पर तिलक लगाएं। ये प्रयोग लगातार 1 महीने तक करें।

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धन प्राप्ति के लिए – ज्योतिष में बृहस्पति को धन के खजाने का मालिक माना जाता है। गुलाबजल में हल्दी मिलाकर घोल तैयार कर लें। सफेद चौकोर कागज पर घोल से ‘श्रीं’ लिखें। इस कागज को पूजा स्थल पर रखें और इसकी धूप से पूजा करें। इसके बाद इस कागज को मोड़कर अपने पास रख लें। इससे जातक को कभी भी धन का अभाव नहीं होगा।

नजर दोष – हल्दी का प्रयोग नजर दोष दूर करने के लिए किया जाता है। यह नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करती है। विवाह में हल्दी रस्म नजर दोष से बचाने के लिए की जाती है।