राशि चक्र की अष्टम राशि है वृश्चिक, जिसके स्वामी ग्रह भूमि के पुत्र मंगल देव हैं। नूतन वर्षारंभ पर ऊर्जा का यह पुंज भौम अपने कट्टर शत्रु शनि की राशि कुंभ में शुक्र और केतु के साथ गतिशील रहेगा।सुर्यपुत्र शनि, शत्रु मंगल की वृश्चिक राशि में 26 जनवरी, 2017 तक रहेंगे। परिणाम स्वरुप वृश्चिक राशि के लोग शनि की साढ़ेसाती के द्वितीय चरण को भागेंगे। 26 जनवरी, 2017 को जब शनिदेव देव गुरु वृहस्पति की राशि धनु में जायेंगे, वृश्चिक राशि के लोग साढ़ेसाती के तृतीय चरण की ओर क़दम बढ़ायेंगे। लौह पाद का द्वितीय शनि आर्थिक संकोच देगा। इस काल में वाणी की विनम्रता, सदआचरण, धैर्य का वरण और स्वयं कि योग्यता बढ़ानें से बेहतर अमोघ अस्त्र दूसरा नहीं है। 21 मई को जब शनिदेव टेढ़ी चाल चल के पुनः आपकी राशि में जायेंगे, प्रतिष्ठा का बंटाधार करायेंगे। रजत पाद का प्रथम शनि दैहिक कष्ट, ख़राब पाचन शक्ति, ह्रदय सम्बंधित विकार और आलस्य के लिए कुख्यात है। उस पर से शत्रु मंगल के घर में शनि की उपस्थिति ठीक वैसी ही है, जैसे करेला, वो भी नीम चढ़ा।

पर दूसरे चरण की साढ़ेसाती आध्यात्मिक उन्नति देकर, आत्म शक्ति में वृद्धि करके कष्टों का उन्मूलन करती है। नए साल की शुरुआत में राहू सिंह और केतु कुंभ में हैं। रजत पाद का दशम राहु और चतुर्थ केतु करियर में मानसिक तनाव देकर, स्वजनों से भूमि भवन से सम्बंधित विवाद को जन्म देकर, प्रतिष्ठा का ह्रास करता है। 1 अगस्त को राहु कर्क में और केतु मकर में जायेंगे। स्वर्ण पाद का नवम राहू और तृतीय केतु मानसिक उलझन का कारक बनेगा। रजत पाद का एकादश बृहस्पति बुध की राशि कन्या में भ्रमणशील होकर करियर में लाभ का मार्ग प्रशस्त करेगा। 6 सितम्बर, 2017 को जब वृहस्पति तुला राशि में अपना लंगर डालेंगे, लौह पाद का द्वादश गुरु अपव्यय का कारक बन कर पैरों और हाथों में पीड़ा देगा।

जनवरी
इस महीने में किसी मित्र या सहकर्मी की सहायता से करियर करियर में लाभ का द्वार खुलेगा। किसी राजनीतिज्ञ का सहयोग आनन्द प्रदान करेगा। पिछले ढाई वर्षों की नूरा-कुश्ती के पश्चात् सहसा जीवन साथी की क़ीमत का अंदाज़ा होगा और दाम्पत्य जीवन में अनुकूलता आयेगी। क़ानूनी पचड़ों से दूर ही रहें वरना मुठभेड़ महँगी पड़ेगी।
शुभ तिथि- 1, 6, 7, 16, 18, 24, 28
अशुभ तिथि- 3, 4, 8, 10, 11, 12, 20

फरवरी
कारोबारियों के लिये स्थिति नौकरी पेशा लोगों से कुछ बेहतर होगी। नया खर्च सर उठाएगा, तब अच्छे संसाधनों के बावजूद धन का जुगाड़ सर घुमायेगा। निवेश से लाभ मिलेगा। संतान के भविष्य की चिन्ता से झुंझलाहट होगी।
शुभ तिथि- 2, 5, 9, 16, 18, 24
अशुभ तिथि- 3, 4, 8, 12, 13, 20

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मार्च
इस महीने व्यर्थ की भागदौड़ ज़्यादा होगी। समय नष्ट होगा। मानसिक और शारीरिक थकान होगी। उच्चाधिकारियों से सोच समझ कर ही बात करें, अन्यथा फ़ंस जायेंगे। नयी चुनौतियों से पाला पड़ेगा।
शुभ तिथि- 5, 7, 15, 18, 22, 24
अशुभ तिथि- 2, 8, 9, 10, 12, 13

अप्रैल
विरोधी पराभूत होंगे। मां से धन मिलेगा। क़र्ज़ से बाहर निकलने की योजना बनाना अनिवार्य है। सट्टेबाज़ी से दूर रहें। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। करियर में उल्लेखनीय उपलब्धि सम्भव है। अनुभवी लोगों की संगति से कार्य क्षेत्र का विकास होगा। दैहिक थकान से आलस्य छायेगा। प्रसन्नता होगी।
शुभ तिथि- 7, 8, 15, 18, 25, 27
अशुभ तिथि- 5, 13, 14, 21, 22

मई
विरोधियों के कारनामों से माथे पर बल आयेगा पर अंतत: शत्रु पराभूत होंगे। स्थानांतरण की संभावना है। सर में दर्द होगा। सन्तान की प्रतियोगी परीक्षा बेचैन भी करेगी, और उसकी तैयारी चैन भी देगी।विदेश से लाभ संभव है। दिनचर्या असंतुलित रहेगी।
शुभ तिथि- 2, 3, 6, 15, 25, 26
अशुभ तिथि- 8, 9, 17, 18, 27

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जून
इस मास में किसी सलाहकार की सहायता से लाभ मार्ग प्रशस्त होगा। ऋण हर्ग़िज़ न लें। देह के निचले भाग में कष्ट होगा। मन खिन्न रहेगा। दूसरों के प्रति शिकायत का भाव समस्या को सुलझायेगा नहीं, उलझायेगा।थोड़े सकारात्मक प्रयास से कोई उपलब्धि हाथ लगेगी। ध्यान का अभ्यास अवश्य करें।
शुभ तिथि- 5, 7, 12, 13, 14
अशुभ तिथि- 2, 3, 8, 18, 19

जुलाई
वाद विवाद से उलझन बढ़ेगी। मुक़दमे में परिस्थितियाँ विपरीत हो जायेगी। परिजनों का सुख मिलेगा। संतान से संतोष प्राप्त होगा। शोर न मचाए, क़र्ज़ से बाहर निकलने की जुगत लगायें। व्यक्तित्व निखरेगा। किसी आध्यात्मिक कार्यक्रम में शरीक होंगे।
शुभ तिथि- 3, 6, 9, 19, 22
अशुभ तिथि- 4, 7, 11, 15, 18

अगस्त
विदेश से लाभ संभव है। सेहत नर्म महसूस होगी। किसी यज्ञ में हिस्सा लेंगे। आकस्मिक रूप से धन के व्यय का योग है।विचित्र परिस्थियाँ धन प्रदान करेगी। पिता को लेकर चिन्ता बढ़ेगी। बहन का व्यवहार बेचैन करेगा। ज़रा, जीवन साथी के त्याग पर भी दृष्टिपात करना अनिवार्य है।
शुभ तिथि- 2, 3, 8, 9, 18, 27
अशुभ तिथि- 5, 6, 12, 22, 29

सितम्बर
करियर में उन्नति के स्पष्ट संकेत मिलेंगे। बॉस से ग़ज़ब का संतुलन बनेगा। विदेश यात्रा लाभ का कारक बनेगी। अचानक कोई ख़ुशी मिलेगी। मानसिक कौशल से धन का लाभ होगा। हौसले और विनम्रता से ही परिस्थितयों में सकारात्मक बदलाव होगा।
शुभ तिथि- 7, 16, 17, 23, 24
अशुभ तिथि- 3, 8, 11, 14, 19

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अक्टूबर
इस महीने में सफलता के साफ़ संकेत मिल रहे हैं। अभीष्ट सिद्धि हो सकती है। मामूली प्रयास से बक़ाया धन मिल सकता है। पैरों के निचले भाग में दर्द संभव है।मौलिक विचारों से लाभ होगा। वाणी पर नियंत्रण अनिवार्य है। कड़वे वचन से दूर रहें। मीठी वाणी चमत्कार कर देगी।

शुभ तिथि- 2, 4, 5, 15, 25, 29
अशुभ तिथि- 6, 7, 9, 13, 17, 26

नवम्बर
ये मास उत्तम है। नये और मौलिक विचारों से करियर में विशिष्ट लाभ की संभावना है। मानसिक क्षमता से धन का लाभ होगा। दन्त विकार से कष्ट संभव है। निंदा,आलोचना और शिकायत से आर्थिक कष्ट बढ़ेगा। लग्ज़री का सुख मिलेगा।
शुभ तिथि- 4, 7, 14, 15, 22, 24
अशुभ तिथि- 2, 8, 12, 17, 18, 19

दिसम्बर
विनम्रता से लाभ का मार्ग प्रशस्त होगा। मां-पिता के व्यवहार पर हैरानी होगी। किसी पुरानें निवेश की अच्छी कीमत मिलेगी। किसी पुराने मित्र से सम्पर्क उत्साह भर देगा। सेहत का ध्यान रखें। आसमान छूने के लिये दिनचर्या को संतुलित रखें। मां से या मां को कष्ट सम्भव।
शुभ तिथि- 4, 6, 14, 15, 19
अशुभ तिथि- 7, 8, 11, 13, 18

उपाय – सकारात्मक विचार, क्षमा का वरण, मधुर वचन, स्वयं को तुच्छ कह कर उच्च प्रस्तुत करने की कला,परोपकार, सहायता, विनम्रता, के साथ 46 दिनों तक कोयले, चनें, उरद, काले तिल का जल प्रवाह लाभ प्रदान करेगा, ऐसा, ज्योतिषिय सूत्र कहते हैं|

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