असुरों के गुरु कहे जाने वाले शुक्राचार्य एक महान ज्ञानी और अच्छे नीतिकार भी थे। उनके द्वारा कई शास्त्रों की रचना की गई। शुक्राचार्य के पिता महर्षि भृगु थे। शुक्राचार्य ने कई ऐसी नीतियां बनाई जिनका आज के समय में काफी महत्व देखा जाता है। शुक्राचार्य की नीति में उन 6 चीजों के बारे में बताया गया है जिसे इंसान को कभी भी रोकने की कोशिश नहीं करनी चाहिए…
यौवन – हर व्यक्ति हमेशा जवान दिखना चाहता है उसकी इच्छा होती है कि उसका रूप-रंग हमेशा ऐसा ही बना रहे। वह कभी भी बूढ़ा न हो। लेकिन ऐसा होना किसी भी मनुष्य के लिए संभव नहीं होता है। प्रकृति का नियम ही कुछ ऐसा है कि एक समय के बाद हर व्यक्ति की जवानी यानी युवावस्था उसका साथ छोड़ देती है। अब जवान रहने के लिए मनुष्य चाहे कितने ही प्रयास क्यों ना कर लें लेकिन वह फिर भी युवा नहीं बन सकता है।
जीवन – जन्म और मृत्यु व्यक्ति के जीवन के दो अभिन्न अंग होते हैं। जो जन्म लेता है उसका मरना भी निश्चित होता है। इसलिए कोई भी मनुष्य चाहे कितने ही प्रयत्न क्यों न कर ले लेकिन एक समय बाद उसकी मौत जरूर आ जाती है।
मन – मन को काफी चंचल कहा जाता है। बहुत से लोग इसे अपने वश में करने की कोशिश भी करते हैं लेकिन जीवन में कभी ना कभी यह अनियंत्रित हो ही जाता है। जिस दौरान व्यक्ति ऐसा काम कर जाता है जो उसे नहीं करना चाहिए था।
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परछाई – मनुष्य की परछाई उसका साथ तब तक देती है जब तक धूप सूर्य की रोशनी रहती है। लेकिन अंधकार आते ही मनुष्य की छाया भी उसका साथ छोड़ देती है।
धन – धन का स्वभाव भी बड़ा चंचल होता है। वह कभी भी एक जगह पर नहीं रहता है। इसलिए इससे मोह करना अच्छा नहीं होता है।
सत्ता या ताकत – कई लोगों को ताकत या सत्ता पाने का शौक होता है। ऐसे लोग कभी अपनी सत्ता या ताकत को अपने से दूर नहीं होने देना चाहते हैं। लेकिन कोई भी चीज मनुष्य के पास हमेशा रहे ऐसा संभव नहीं हो पाता है।