राशि चक्र कि तीसरी राशि है मिथुन, जिसके स्वामी ग्रह बुद्धि के स्वामी बुधदेव हैं, जिन्हें समस्त ग्रहों में राजकुमार की पदवी हासिल है| वाणी और बौद्धिक क्षमता के मालिक ‘बुध’ नूतन वर्षारंभ पर अपनें परम मित्र सूर्य के साथ वैचारिक विरोधी वृहस्पति की राशि धनु में गतिशील हैं। परिणाम स्वरुप इस राशि के लोगों का रसूख़ तो बढ़ेगा, पर वक्तृत्व कौशल प्रभावित होगा। इस वर्ष इनकी वाणी नहीं, इनका मौन मुखर होगा। शनिदेव साल के आरम्भ में मंगल कि राशि वृश्चिक में होंगे। ताम्र पाद का छठा शनि ऋण से राहत देता है। लेकिन वर्षारंभ के सिर्फ़ 26 दिनों बाद ही शनि वहां से नौ दो ग्यारह हो जायेंगे। 26 जनवरी की रात्रि को शनि वृहस्पति की राशि धनु में नज़र आयेंगे। रजत पाद का सप्तम शनि पारिवारिक कलह के लिये जाना जाता है। 18 नवम्बर को शनि जब पुनः धनु में पधारेंगे, जीवनसाथी के साथ वैचारिक झमेले का सूत्रपात करेंगे।

वर्षारंभ में राहू सिंह और केतु कुंभ में रहेंगे। ताम्र पाद का तृतीय राहू और नौवां केतु विदेश यात्रा में दिमाग़ का दही करके कारोबार में प्रचण्ड लाभ की पटकथा लिखता है। 1 अगस्त को जब राहू कर्क में और केतु मकर में जायेंगे, तो स्वर्ण पाद का दूसरा राहू और आठवाँ केतु आर्थिक उलझनों का सूत्रपात करेगा। देवगुरु वृहस्पति बुध की राशि कन्या में गतिशील होंगे। सनद रहे, ताम्रपाद का चौथा गुरु सीखने सिखाने के चक्कर में बेमतलब धन का बंटाधार करता है। 6 सितम्बर को जब वृहस्पति शुक्र की राशि तुला में दस्तक देंगे, तब रजत पाद का पंचम गुरु मिथुन राशि के लोगों को संतान से आनन्द और शिक्षा के क्षेत्र में बड़ी सफलता प्रदान करेगा।

जनवरी
माह सिद्धिप्रद है। किसी प्रतिष्ठित व्यक्ति से मुलाक़ात होगी। रसूख़ बढ़ेगा। आलस्य महसूस होगा। मन शांत रहेगा।कोई पुरानी याद गुदगुदाएगी। नींद कम आयेगी। निवेश की कम होती क़ीमत परेशान करेगी। पर यह स्थिति अस्थायी सिद्ध होगी। आकर्षण में इज़ाफ़ा होगा। यात्रा की योजना बनते बनते ठहर जायेगी।
शुभ तिथि- 1, 3, 10, 12, 13, 21, 22, 28
अशुभ तिथि- 5, 7, 8, 15, 16, 24, 26

फरवरी
कोई मित्र या क़रीबी इस महीने लाभ का कारक बनेगा। निवेश की बढ़ती वैल्यूवेशन ख़ुशी देगी। परिस्थितियां ज़्यादा सकारात्मक हो जायेंगी। कोई अच्छी ख़बर चित्त प्रसन्न कर देगी। किसी लाभकारी योजना का मसौदा बनेगा। मानसिक कार्य अधिक होगा। किसी विशिष्ट अध्ययन में समय व्यतीत होगा।
शुभ तिथि- 2, 5, 6, 16, 22, 23, 29
अशुभ तिथि- 8, 10, 12, 14, 18, 19

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मार्च
इस माह रिश्तेदारों से निराशा मिलेगी, मित्र सहायक सिद्ध होंगे। आनन्द की प्राप्ति होगी। आपका वक्तृत्व कौशल कई सफलता का सूत्रपात करेगा। स्वभाव की झुंझलाहट पर क़ाबू रखने से प्रतिष्ठा बनी रहेगी।
शुभ तिथि- 7, 9, 11, 19, 21, 29
शुभ तिथि- 2, 3, 5, 12, 14, 22

अप्रैल
व्यर्थ की उलझन हैरान करेगी। कोई अच्छी ख़बर चित्त में आनन्द भर देगी। कोई पुराना रिश्ता काम आयेगा। चिरप्रतिक्षित काम आगे बढ़ेगा।माह के आख़िर में मन में शान्ति का अनुभव होगा। पुरानी समस्या ख़त्म होगी।
शुभ तिथि- 6, 9, 15, 16, 22, 24
अशुभ तिथि- 4, 11, 14, 18

मई
इस मास में ऋण मुक्ति का प्रयास सफल होगा। करियर में सतर्क रहें। वाणी और बौद्धिक क्षमता से नयी राह निकलेगी। नये कार्य की योजना बनेगी। आध्यात्मिक प्रवृत्ति का विकास होगा। संघर्ष से आनन्द का मार्ग प्रस्फुटित होगा।परिवार में प्रसन्नता व्याप्त होगी।
शुभ तिथि- 4, 6, 14, 19, 23, 24
अशुभ तिथि- 1, 3, 9, 10, 11, 18

जून 

इस मास में ख़र्चे सुरसा तरह नज़र आयेंगे। अनुज से मतभेद सम्भव है। प्रतिष्ठा के प्रति सचेत रहें।किसी मंगल कार्य की योजना बनेगी। शेयर ट्रेडिंग में लाभ होगा। संतान के भविष्य को लेकर मनन करेंगे।
शुभ तिथि- 11, 11, 12, 16, 26, 28
अशुभ तिथि- 4, 6, 7, 9, 14, 21, 24

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जुलाई
वाहन और मित्रों से सतर्क रहें। पारिवारिक उलझन रहेगी। अनजाना डर सतायेगा। देह में आलस्य या विकार सर उठायेगा। विरोधी पराभूत होंगे। आर्थिक हानि सम्भव। अनियमित दिनचर्या रहेगी। क्रोध और भावुकता बढ़ेगी। मन में हलचल बनी रहेगी।
शुभ तिथि- 1, 7, 8, 18, 19, 29
अशुभ तिथि- 3, 9, 10, 17, 26

अगस्त
इस महीने विरोधियों से सतर्क रहें। प्रतिष्ठा को लेकर सजगता आवश्यक है। विरोधी हावी होने का प्रयास तो करेंगे पर चारो खानें चित्त हो जायेंगे। अनिवार्य कार्य अपूर्ण रह जायेगा।कोई समाचार सर घुमाएगा।
शुभ तिथि- 2, 6, 7, 14, 18, 21, 29
अशुभ तिथि- 4, 5, 10, 15, 27, 28

सितम्बर
यात्रा से तनाव के बावजूद लाभ होगा। विशिष्ट आर्थिक लाभ से मन मयूर नाचेगा। बहस न करें। अनुज से सम्बंध सुधरेगा। राजनैतिक और सामाजिक रसूख़ बढ़ेगा। वाहन का सुख मिलेगा। दैविक कृपा का अनुभव होगा।
शुभ तिथि- 2, 3, 11, 19, 21, 23
अशुभ तिथि- 6, 8, 9, 13, 15, 20

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अक्टूबर
वाहन से कष्ट होगा। सम्पत्ति से लाभ का मार्ग प्रशस्त होगा। कारोबार से उत्तम लाभ होगा।मां से या मां को लेकर उलझन होगी।गुप्त विरोधियों से सतर्क रहें। सेहत को लेकर सजग रहें। कोई पुराना प्यार याद आयेगा।
शुभ तिथि- 7, 9, 11, 12, 29
अशुभ तिथि- 4, 6, 13, 19

नवम्बर
जलने वाले लोग पराभूत होंगे। आध्यात्मिक रुचि जगेगी। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। रुका हुआ धन वापस मिलेगा। किसी से ख़तों किताबात होगी।किसी मित्र से दशकों बाद मुलाक़ात होगी।
शुभ तिथि- 2, 5, 15, 20, 21, 22
अशुभ तिथि- 6, 7, 9, 18, 19, 26

दिसंबर
क़र्ज़ से बचें। पार्टनर को कष्ट सम्भव है। विरोधी तनाव का कारण बनेंगे। सतर्कता ज़रूरी है।किसी बड़ी ज़िम्मेदारी के लिये तैयार रहें। प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। समृद्धि बढ़ेगी। कोई पुरानी याद होंठों पर मुस्कान बनकर छायेगी।
शुभ तिथि- 1, 2, 4, 14, 24, 30
अशुभ तिथि- 6, 7, 15, 22, 23
उपाय- हर माह के प्रथम बुधवार को बहते हुए जल में मिट्टी का खाली मटका प्रवाहित करते रहें। लाभ होगा, ऐसा मान्यतायें कहती हैं।

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