अकसर यह सुनने को मिलता है कि रात को समय से सोना और सुबह जल्दी उठना अच्छा होता है। लेकिन आज के समय में इस रूटीन से चलना हर किसी के लिए संभव नहीं हो पाता है। कुछ लोगों को अपनी नौकरी के लिए तो कुछ लोगों को पढ़ाई के लिए रात में उठना पड़ता है। लेकिन साथ-साथ यह सवाल भी हर किसी के मन में रहता है कि क्या रात को उठना सही है? इस बारे में सदगुरु ने बताया है कि किन लोगों के लिए रात में उठना अच्छा होता है और क्यों…
सदगुरु के अनुसार एक योगी, एक रोगी और एक भोगी रात में नहीं सोते हैं। रोगी जो बीमार होने की वजह से रात में नहीं सो पाता है। एक योगी जिसके लिए ध्यान करने के लिए रात सहायक होती है और भोगी जो सुख की तलाश में रहता है इसलिए वह रात में नहीं सो पाता है। कुछ लोग ऐसे होते हैं जो दिन की बजाय रात में ज्यादा ऊर्जा महसूस करते हैं। इसकी वजह हमारी आंखे होती हैं जो कुछ इस तरह से बनी है कि वह रोशनी में सभी चीजों को अलग-अलग करके दिखाती है। रात के समय यह सीमाएं धुंधली हो जाती है। जहां रोशनी ना हों वहां हमारे अनुभव में हर चीज मिलकर एक हो जाती है। इसलिए योग के लिए, सेक्शुएलिटी के लिए, दोस्ती के लिए, पढ़ाई के लिए और किसी चीज पर ध्यान केंद्रित करने के लिए रात सबसे ज्यादा सहायक होती है।
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सदगुरु के अनुसार वह रोजाना सुबह 3:35 से 3:40 के बीच में उठ जाते हैं इसकी एक खास वजह है। सदगुरु ने इस बारे में अपने बालपन से जुड़ा एक किस्सा बताया कि जब वह छोटे थे आम तौर पर उनका स्कूल सुबह 8:30 बजे से होता था। उनकी मां और बहन सुबह 6:45 बजे से उन्हें उठाना शुरु कर देती थी। वह इसके लिए अलग-अलग तरीके अपनाती थी। लेकिन मुझे दिन में देर तक नींद आती है। लेकिन जब मैंने 12 साल की उम्र में योग करना शुरु किया उसके 8 से 9 महीने बाद से मैं सुबह 3:35 से 3:40 के बीच में उठने लगा।