हिंदू धर्म में बहुत सी ऐसी पुरानी परंपराएं हैं जो आज तक चली आ रही है। ऐसी ही एक परंपरा है नाखूनों से जुड़ी। आपने अकसर अपने बड़े बुजुर्गों से सुना होगा कि हफ्ते के किस दिन नाखून नहीं काटने चाहिए। इसके पीछे के कारण क्या है बहुत ही कम लोग जानते हैं। हफ्ते के तीन दिन मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को नाखून नहीं काटने की सलाह दी जाती है। इसके पीछे धार्मिक कारण के साथ-साथ वैज्ञानिक कारण भी है। विज्ञान के मुताबिक इंसान के शरीर में उंगलियों के आगे का भाग काफी संवेदनशील होता हैं जिसकी सुरक्षा नाखूनों से की जाती है। क्योंकि मंगलवार, शनिवार और गुरुवार के दिन ब्रह्माड से आने वाली अनेक तरह की ऊर्जा का मानव शरीर के संवेदनशील हिस्सों पर खास प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए इन दिनों में नाखून नहीं काटने की सलाह दी जाती है।
नाखूनों का संबंध ग्रहों से भी जोड़कर देखा जाता है। क्योंकि मंगलवार मंगल देवता का दिन होता है। मंगल जिसका संबंध मनुष्य के खून से माना जाता है। गुरुवार देवगुरु बृहस्पति का दिन होता है जिसका संबंध बुद्धि से होता है और शनिवार शनिदेव से संबंधित होता है जिनका संबंध हमारी त्वचा से होता है। इसलिए इन दिनों में नाखूनों के काटने का हमारे शरीर ही नहीं ग्रहों पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। जिससे व्यक्ति को कई तरह के दुखों का सामना करना पड़ सकता है।
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मान्यताओं के अनुसार शनिवार को नाखून काटने से आयु कम होती है और परिवार की आर्थिक स्थिति भी कमजोर हो सकती है। गुरुवार को नाखून काटने से शिक्षा से जुड़ी परेशानियां आती हैं। साथ ही इस दिन ग्रहों से आने वाली किरणों का मनुष्य के शरीर पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। जिससे कई तरह के रोग उत्पन्न हो सकते हैं। मंगलवार के दिन नाखून काटने से रक्त से संबंधित बीमारियां होती है। भाई बंधुओं से रिलेशन खराब होने की संभावना होती है। मनुष्य का मनोबल भी कम हो सकता है। इसलिए इन दिन दिनों में नाखून नहीं काटने के बारे में कहा जाता है। सप्ताह के बाकी दिनों में नाखून काटने से कोई कष्ट उत्पन्न नहीं होता है।

