Lok Sabha Election 2019: पीएम नरेंद्र मोदी का शिव की नगरी काशी से खास लगाव देखा गया है और हों भी क्यों ना आखिर 2014 में बनारस से उन्हें जबरदस्त जीत जो हासिल हुई थी। 2014 चुनावों में जीतने के बाद उन्होंने सबसे पहले अपने संसदीय क्षेत्र में आकर मां गंगा की आरती की थी और कहा – मां गंगा की ओर से जब-जब जो निर्देश मिलेगा उसे वह पूरा करेंगे। शायद मां गंगा की सेवा भी मेरे ही हिस्से में लिखी थी, मैं इस काम को जरूर करूंगा। एक बार फिर 2019 में लोकसभा चुनाव लड़ने पीएम मोदी फिर बनारस पहुंचे हैं। यहां नामांकन से पहले पीएम ने मां गंगा की आरती भी की। ऐसी क्या बात है इस नगरी में कि मोदी ही नहीं तमाम राजनेताओं से लेकर बॉलीवुड सेलिब्रिटीज भी यहां आकर अराधना करते हैं। जानिए इस नगरी का महत्व…
बनारस यानी भोले की नगरी जिसे हिंदुओं का पवित्र स्थान माना गया है। शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक काशी विश्वनाथ का खास महत्व है। माना जाता है कि इस नगरी में शिव का वास होता है क्योंकि प्रलय के समय महादेव ने इस नगरी को अपने त्रिशुल पर टिकाकर इसकी रक्षा की थी। धर्मग्रन्थों के अनुसार इस नगरी को मोक्ष की नगरी भी कहा गया है। लोगों में प्रचलित है कि जिस व्यक्ति की मृत्यु काशी में होती है उसे सीधे सवर्ग की प्राप्ति होती है।
भगवान शिव की प्रिय नगरी मानी जाने वाली वाराणसी को लेकर एक पौराणिक कथा ये भी है कि जब शिव पार्वती का विवाह हुआ था, तब माता ने शंकर भगवान से कैलाश पर्वत छोड़ कहीं और रहने की इच्छा जताई थी। माता की इस बात स्वीकारते हुए भगवान शिव कैलाश पर्वत को छोड़ काशी नगरी में आकर रहने लगे। इस तरह से यहां भगवान शिव का ज्योतिर्लिग स्थापित हुआ। माना जाता है कि काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग किसी मनुष्य द्वारा नहीं बल्कि खुद भगवान शिव द्वारा स्थापित हुआ था।
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शिव की जटाओं पर विराजमान मां गंगा की पवित्र जलधारा यहां बहती है। इसी स्थान पर गंगा आरती करने का खास महत्व माना गया है। गंगा नदी के अलावा वरुणा और अस्सी नदी बहने के कारण यह शहर वाराणसी के नाम से प्रसिद्ध है।