पठानकोट एयरबेस पर जनवरी 2016 में हुए आतंकी हमले के बाद पहली बार मंगलवार (26 अप्रैल) को नई दिल्‍ली में भारत और पाकिस्‍तान के विदेश सचिवों की मुलाकात हुई। विदेश सचिव एस जयशंकर ने अपने समकक्ष एजाज अहमद चौधरी के सामने आतंकवाद का मुद्दा उठाया, लेकिन उनकी की ओर से ठोस जवाब नहीं मिला। पाकिस्‍तान ने समग्र वार्ता में कश्‍मीर को सबसे अहम मुद्दा बताकर स्‍पष्‍ट कर दिया कि वह पुराने रुख पर कायम हैं। नरेंद्र मोदी और पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ कई बार दोनों देशों के जटिल रिश्‍तों को पटरी पर लाने की इच्‍छा जता चुके हैं। लेकिन जिस प्रकार से घटनाक्रम चल रहा है, उससे उम्‍मीद बेहद कम ही नजर आती है। इस बीच सद्गुरु आनंद जौहरी ने शरीफ और मोदी की कुंडली का अध्‍ययन कर भविष्‍य के गर्भ में झांकने का प्रयास किया है। आइए जानते हैं क्‍या कहते हैं भारत और पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्रियों की किस्‍मत के सितारे…

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का जन्म 25 दिसंबर 1948 को रात्रि में 12.05 पर पाकिस्तान के हिस्से वाले पंजाब प्रांत की राजधानी लाहौर में हुआ। यदि उनके जन्म का विवरण सत्य है, तो उनकी कुंडली इस प्रकार है।

नवाज शरीफ की कुंडली

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2016 मई और जून तथा दिसंबर से 2017 मई तक का काल नवाज शरीफ को बेचैन करेगा। यह समय नवाज शरीफ के लिए कांटों भरा होगा।

पाकिस्‍तान मुस्लिम लीग (N) के इस कद्दावर नेता की कन्या लग्न की कुंडली में देवगुरु बृहस्पति स्वघर के होकर सुखभाव में आसीन हैं, जो अति उत्तम योग है। साथ ही कर्मेश और लग्नेश बुध मित्र सूर्य के साथ विराज कर बुद्धादित्य नामक राजयोग निर्मित कर रहे हैं। साथ ही षष्ठेश शनि द्वादश भाव में बैठकर कुचक्र भी कर रहे हैं। यूं तो पाकिस्तान सरकार का यह मुखिया इस समय बुध की महादशा भोग रहा है, जो उनके जीवन के उत्तम काल में एक है, पर जब-जब वह शनि की अंतर्दशा, प्रत्यंतर दशा और सूक्ष्म दशा के अधीन आएंगे, कष्ट पाएंगे।

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यदि पाकिस्तान के इस हुक्मरान की कुंडली को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी की कुंडली से जोड़कर देखा जाए तो कई चौंकाने वाले तथ्य निकल कर आ रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ज्ञात जन्मतिथि 17 सितंबर 1950 है। जन्म का समय दोपहर 12 बजे और स्थान गुजरात के मेहसाणा का वडनगर है। यदि उनका उपरोक्त जन्म विवरण सत्य है तो उनकी कुंडली इस प्रकार है।

नरेंद्र मोदी की कुंडली

मोदी का वश्य कीट और शरीफ का वश्य मानव दोनों की दोस्ती को असहज नहीं बना रहा है।
मोदी का वश्य कीट और शरीफ का वश्य मानव दोनों की दोस्ती को असहज नहीं बना रहा है।

वृश्चिक लग्न की इस कुंडली में लग्न में स्वघर का मंगल मित्र चंद्रमा के साथ अदम्य साहस की कथा लिख रहा है। सुख भाव में धनेश बृहस्पति सुख और सफलता को लेकर श्रेष्ठ योग निर्मित कर रहा है। दशम भाव का शनि जहां राजनेता को जन्म दे रहा है, वहीं शनि-शुक्र की कर्म में युति के साथ लाभ में सूर्य और बुध की युति दो-दो उत्तम राज योग निर्मित कर रहे हैं। मोदी 22 नवंबर 2016 तक चंद्रमा में शनि का अंतर भोग रहे हैं, जो उत्तम काल नहीं है। इस काल खंड में उनके किए हुए कई प्रयास तात्कालिक रूप से निष्फल सिद्ध हो सकते हैं, जिसमें नवाज शरीफ के साथ रिश्ते सुधारने का प्रयास भी दांव पर लग सकता है।

क्‍या कहते हैं दोनों के सितारे

नवाज शरीफ और नरेंद्र मोदी की कुंडली को मिलाकर देखा जाए तो दोनों में बुद्धदित्य योग है, जो राजयोग प्रदान कर रहा है। दोनों की कुंडली के सुख भाव में एक समान बृहस्पति विराज कर जहां सुख और आनंद प्रदान कर रहे है, वहीं उसकी सप्तम दृष्टि कर्म पर पड़कर बुरे या नकारात्मक हालात में भी दोनों को संभाल रही है। इसके अलावा दोनों की कुंडली में किसी भी प्रकार का कोई और मेल नजर नहीं आ रहा है। मोदी का गण मानव और शरीफ का गण राक्षस, जहां इस दोस्ती की हवा निकालता प्रतीत हो रहा है, वहीं योनि का बेमेल गठजोड़ दोनों की मानसिकता को पूर्णत: भिन्न बना रहा है, क्योंकि मोदी की योनि मृग और शरीफ की व्याघ्र है। व्याघ्र की मानसिकता सदैव मृग को दबोचकर उसका शिकार करने की होती है। व्याघ्र और मृग की दोस्ती के किस्से हजम नहीं होते। मोदी की भकूट राशि वृश्चिक और शरीफ की भकूट राशि तुला है। भकूट के बेमेल होने से दोनों के प्रेम प्रस्ताव के असफल होने की संभावना ज्‍यादा नजर आ रही है। उस पर से दोनों के अलग गण दोनों के किसी भी मेल को खारिज करके इनकी ईमानदार कोशिशों में पलीता लगा रही है।

शरीफ के लिए जहां अपने रस्म और रिवाज से बाहर आना आसान नहीं होगा, वहीं मोदी की कुंडली के लग्न का स्वग्रही मंगल जहां शरीफ की शराफत के इतर किसी भी गुस्ताखी को कम से कम प्यार से माफ तो हरगिज नहीं करेगा। मोदी के कर्म का शनि पाकिस्तान की हर हिमाकत को नाकाम करने का माद्दा रखता है।

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