राशिचक्र की नवम राशि है, धनु, जिसके स्वामी देव गुरु के पद पर सुशोभित वृहस्पति देव जी हैं। नवीन वर्ष के शुभारम्भ पर देव गुरु बृहस्पति शत्रु बुध की राशि कन्या में बेचैन नज़र आयेंगे। विधाता का संकेत है कि यह योग इस वर्ष किसी उलझन का संकेत दे रहा है। लौह पाद का दशम गुरु शासन व प्रशासन से जुड़े लोगों को विशेष रूप से कष्ट प्रदान करता है। ये बृहस्पति अपनी अजीबोग़रीब चूक के लिये जाना जाता है। 6 सितम्बर, 2017 को जब देव गुरु बृहस्पति दैत्य गुरु शुक्र के घर तुला में प्रविष्ट होंगे, ताम्र पाद का एकादश गुरु आर्थिक लाभ की कहानी लिखेगा और शत्रुओं से विवाद और उन्ही से या किसी अन्य विरोधी से लाभ के अवसर भी देगा।
वर्षारंभ के समय सूर्य पुत्र शनि, शत्रु मंगल की राशि वृश्चिक में गतिशील होकर धनु राशि के लोगों को साढ़ेसाती से ग्रसित कर रहे हैं। धनु राशि के लोग साढ़े साती के प्रथम चरण को भोग रहे हैं। ताम्र पाद का बारहवां शनि चलती चक्की रोक कर अनेकानेक झमेलों को जन्म देनें वाला होता है।यह आमदनी पर अंकुश लगा कर खर्च में वृद्धि से बेचैन करता है। पर 26 जनवरी को जब शनिदेव गुरु की इसी राशि धनु में आयेंगे, साढ़ेसाती के द्वितीय चरण में ले जायेंगे। स्वर्ण पाद का प्रथम शनि किसी प्रकार की क्षति, मानसिक उलझन और दैहिक कष्ट का बीजारोपण करता है। 21 मई को शनि जब उलटी चाल चलकर फिर से मंगल के आशियाने वृश्चिक में लौटेंगे, कुछ बदले बदले से नज़र आयेंगे। लौह पाद का यह द्वादश शनि परिपक्व बनायेगा, और करियर में नये झमेले व नई चुनौतियां प्रस्तुत कर साम-दाम- दण्ड- भेद सिखायेगा। नेत्र और पैरों में कष्ट मिलेगा। 18 नवम्बर को शनि जब पुनः धनु में आयेंगे, लौह पाद का यह प्रथम शनि आपकी परीक्षा लेगा, और धैर्य धारण करने वालों को अनुभवों की अदभुत सौग़ात देगा।
नववर्ष के आगाज़ राहू सिंह और केतु कुम्भ में रहकर लौह पाद का नवम राहु और तृतीय केतु करियर में लाभ के साथ अपनों से, विशेषत: पिता और पत्नी से मतभेद को जन्म देता है। धैर्य और विनम्रता से परिस्थितियों पर आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है। 1 अगस्त को राहू कर्क में और केतु मकर में रवाना होंगे। लौह पाद का अष्टम राहू और द्वितीय केतु मानसिक चिंतन व उलझन के साथ धन की हानि के दरवाज़े खोल देता है। सावधानी ही इसका इलाज है।
जनवरी
इस माह में करियर में सीखने के अवसर प्राप्त होंगे। किसी मित्र का सहयोग अर्थ लाभ देगा। लम्बे समय के लिये योजनाओं में निवेश से फ़ायदा मिलेगा। सहकर्मियों से सतर्क रहें। किसी पर नेत्र बंद कर ले विश्वास, निश्चित रूप से पीठ में ख़ंजर घुसने का अहसास लराएगा। मन का हल्का रखें। योगाभ्यास का सहारा लें।
शुभ तिथि- 7, 14, 15, 17, 24
अशुभ तिथि- 4, 8, 9, 12, 21
फरवरी
इस माह में बॉस के सहयोग से करियर में आनन्द की स्थिति निर्मित होगी। शिक्षा, प्रतियोगिता में यह काल मिश्रित फल देगा। सेहत का ध्यान रखें। लाभ की भी संभावना बनेगी।
शुभ तिथि- 1, 3, 17, 20, 22
अशुभ तिथि- 6, 8, 12, 15, 19
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मार्च
इस महीने भाग दौड़ अधिक होगी। किसी घटना से मन आनन्द से भर जायेगा। कमाई में इज़ाफ़े के संकेत मिलेंगे। मौन धारण करने और विवाद में न पड़ने से आनंद आयेगा।क़ानूनी पचड़ों से कोसों दूर रहें। माफ़ी माँग के आगे बढ़ें। आध्यात्मिक प्रवृत्ति मन को शान्ति देगी।
शुभ तिथि- 5, 6, 7, 16, 25
अशुभ तिथि- 2, 4, 8, 12, 13
अप्रैल
इस महीने यात्रा से आनन्द मिलेगा। व्यय होगा।आज की शॉपिंग , कल पर टालना उत्तम विचार सिद्ध होगा। एकाग्रता की कमी से शिक्षा में चुनौतियां महसूस होंगी। सेहत का ध्यान रखना आवश्यक है। बहस से क्षति होगी। कोई सबक मिलेगा
शुभ तिथि- 4, 5, 6, 12, 21, 24
अशुभ तिथि- 10, 17, 18, 27
मई
आर्थिक परिस्थितियां अनुकूल रहेंगी। प्रॉपर्टी से लाभ होगा। किसी अभीष्ट वस्तु की प्राप्ति होगी। आनन्द प्राप्ति का योग है। धन का संचय होगा। मित्रों के साथ कुछ मधुर पल सुख देंगे। विरोधी चित्त होंगे।
शुभ तिथि- 4, 5, 6, 19, 22, 29
अशुभ तिथि- 7, 9, 15, 16, 26
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जून
जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिन्ता रहेगी। अर्थ चिन्ता होगी। निर्णय लेने में दिक़्क़त होगी। नये लोगों से संभल कर रहना होगा। नए विचार लाभ प्रदान करेंगे। कोई समाचार हर्ष प्रदान करेगा। स्थान परिवर्तन की संभावना है।
शुभ तिथि- 2, 4, 6, 7, 15, 20
अशुभ तिथि- 10, 17, 18, 25
जुलाई
प्रतिष्ठा को लेकर सतर्क रहें। वाद-विवाद में भाग लेने से बचें। क्षमा का वरण इस माह आपके लिये सुरक्षा कवच का काम करेगा। बौद्धिक क्षमता आर्थिक सम्बल देगी। अल्पकालिक। निवेश से क्षति होगी। यात्रा संभव है।जीवनसाथी के साथ तकरार में झुकना उत्तम विचार है।
शुभ तिथि- 2, 3, 4, 8, 12, 22
अशुभ तिथि- 5, 7, 14, 15, 19
अगस्त
कहासुनी से दूर रहें। मान सम्मान का विशेष ध्यान रखें। पाचन तंत्र का ध्यान रखें। मानसिक क्षमता व मौलिक विचार अर्थ शक्ति प्रदान करेंगे।
शुभ तिथि- 2, 8, 18, 22, 28
अशुभ तिथि- 5, 6, 11, 13, 23
सितम्बर
विदेश यात्रा की योजना बनेगी।करियर में कुछ चुनौतियां आयेंगी, जिनका समाधान शान्त मन से ही होगा, उद्वेलित होने से कोई लाभांश नहीं है। टैक्स के भुगतान की चिन्ता होगी।उदर कष्ट बेचैन करेगा। हर बात को स्वाभिमान से न जोड़ें।
शुभ तिथि- 1, 3, 4, 22, 24
अशुभ तिथि- 7, 8, 16, 17
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अक्टूबर
पदोन्नति के संकेत मिलेंगे। करियर में कोई ग़ज़ब की कामयाबी मन ख़ुश कर देगी। विरोध को मुस्कुरा कर दरकिनार कर दें। आलस्य और लापरवाही से बचें। किसी की सलाह का स्व मूल्यांकन अनिवार्य है।
शुभ तिथि- 2, 4, 9, 18, 28
अशुभ तिथि- 5, 13, 15, 24
नवम्बर
करियर के लिहाज़ से समय उत्तम है। किसी मित्र के सहयोग से लाभमिलेगा। इस महीने कोई ख़ास स्थिति निर्मित होगी, जो मन को मस्त कर देगी। वाद विवाद, मुक़दमें में विजय श्री वरण करेगी। पराक्रम व बौद्धिक कुशलता से धन व आनंद दोनों हासिल होंगे।
शुभ तिथि- 1, 3, 4, 5, 15, 18
अशुभ तिथि- 6, 8, 15, 16, 25
दिसंबर
पराक्रम से करियर चमकेगा। बढ़ते व्यय से आर्थिक स्थिति प्रभावित होगी। हड्डियों,सरदर्द, कान और दांतों में कष्ट होगा। स्वभाव में विनम्रता अनिवार्य है। आंतरिक क्षमता से आर्थिक लाभ का बीज अंकुरित होंगे।
शुभ तिथि- 8, 9, 10, 18, 27
अशुभ तिथि- 6, 12, 13, 24
उपाय – हल्दी लगे आलू गाय को अर्पित करने, और गुरुवार को बेसन के लड्डू का दान करने से लाभ होगा, ऐसा मान्यताएं कहती हैं|