सुहागिन महिलाओं के लिए सिंदूर का बहुत महत्व होता है। सिंदूर को सुहाग की निशानी माना जाता है। हर शादीशुदा महिला सिंदूर को माथे पर लगाती ही हैं। मान्यताओं के अनुसार, सिंदूर नहीं लगाना अशुभ माना गया है। इसे वह अपने पति की खुशी से जोड़ती हैं। माना जाता है कि सिंदूर के बिना सुहागन का श्रृंगार अधूरा होता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार सिंदूर को अध्यात्म से जोड़कर देखा जाता है। अगर सिंदूर गलत जगह लगा हो तो वो अपशगुन माना जाता है। शास्त्रों के मुताबिक जो महिलाएं अपनी मांग के बीचो-बीच सिंदूर लगाती है उनते पति की अकाल मृत्यु नहीं होती है। माना जाता है कि यह सिंदूर उसके पति को संकट से बचाता है। एक अन्य मानयता के अनुसार जो स्त्री अपने मांग के सिंदूर को बालों में छिपा लेती है, उसका पति समाज में भी छिप जाता है। आइए आज जानते है सिंदूर से जुड़ी कुछ बातें जो हर सुहागिन महिलाओं को पता होनी चाहिए।
1. माना जाता है जो सुहागिन मांग में सिंदूर लगाती है उसके पति की उम्र लंबी होती है। इससे पति का स्वास्थ्य ठीक रहता है।
2. मांग में सिंदूर लगाने के पीछे वैज्ञानिक कारण भी है। माना जाता है जहां महिलाएं सिंदूर लगाती है वहां एक ग्रंथि होती है। जिसे ब्रह्मरंध्र कहा जाता है। ये जगह बहुत ही सेंसटिव होती है। इसलिए यहां सिंदूर से स्वास्थ्य संबंधी परेशानी नहीं होती है।
3. ब्रह्मरंध्र पर सिंदूर लगाने से महिलाओं को मानसिक तनाव नहीं रहता है। इसके अलावा दिमाग से जुड़ी समस्याएं नहीं होती है। सिंदूर लगाने से महिलाओं का बीपी ठीक रहता है।
4. शास्त्रों के मुताबिक सिंदूर लगाने वाली महिला सौभाग्यशाली होती है। इससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
5. सिंदूर लगाने से मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। साथ ही नेगेटिव एनर्जी से बचा जा सकता है। सिंदूर लगाने से पति-पत्नी के बीच प्रेम बढ़ता है।
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6. सिंदूर से महिलाओं की एकाग्रता बढ़ती है और मानसिक अशांति दूर होती है।
7. कहा जाता है जो सुहागिन सिंदूर नहीं लगाती उनके पति को जीवन में कई तरह की परेशानी झेलनी पड़ती है। उनके पति को समाज में मान-सम्मान नहीं मिलता है तथा पति-पत्नी के बीच मनमुटाव होने की संभावना होती है।